अफ़गानिस्तान‑पाकिस्तान तनाव में भारत की भूमिका पर नए मोड़
पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान की सीमा पर हाल‑फिलहाल में तनाव और सीज़फ़ायर के बाद एक नया राजनीतिक‑कूटनीतिक विवाद उभरा है, जिसमें Tehrik‑e‑Taliban Pakistan (TTP) और अन्य सुरक्षा‑मुद्दों का जिक्र हो रहा है। इस बीच पाकिस्तान ने भारत पर बड़ा आरोप लगाया था — कि Taliban अफगानिस्तान में भारत की ओर से “प्रॉक्सी वार” लड़ रहा है। लेकिन अब तालिबान सरकार ने उन आरोपों का উল্লেখ करते हुए इसे पूरी तरह निराधार बताया है।
आरोप का पूरा मापदंड
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री Khawaja Asif ने 15 अक्टूबर 2025 को कहा था कि अफगान तालिबान अब “भारत का प्रॉक्सी” बन गया है और पाकिस्तान‑अफगान सीमा पर चल रही झड़पें इसी का परिणाम हैं।
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उन्होंने यह भी कहा कि हाल‑ही में हुई सीमा पर हिंसा और 48‑घंटे के सीज़फ़ायर समझौते के बावजूद स्थिति अस्थिर है क्योंकि “काबुल के फैसले दिल्ली की प्रेरणा से चल रहे हैं”।
तालिबान की प्रतिक्रिया: “बेबुनियाद, तर्कहीन और अस्वीकार्य”
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अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री Mohammad Yaqoob ने पाकिस्तानी दावों का खंडन करते हुए कहा कि ये “बे बुनियाद, तर्कहीन और अस्वीकार्य” हैं।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि अफगानिस्थान अपनी भू‑संपत्ति को किसी अन्य देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देगा और भारत तथा पाकिस्तान के साथ न्याय‑संगत और स्वायत्त संबंध रखता है।
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इस तरह तालिबान ने यह संकेत दिया कि उसे भारत से प्रेरित या निर्देशित माना जाना गलत होगा, और अफगान नीति केवल राष्ट्रीय हितों पर आधारित है।
भारत‑अफगानिस्तान संबंधों में एक नया अध्याय
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इन विवादित आरोपों के बीच भारत ने 10 अक्टूबर 2025 को अपनी तकनीकी मिशन को पूर्ण दूतावास में अपग्रेड करने का निर्णय लिया, जिसे अफगानिस्तान में उच्च रणनीतिक महत्त्व का कदम माना जा रहा है।
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यह कदम इस बात का संकेत है कि भारत‑अफगानिस्तान संबंधों में स्थिरता और विकास‑उन्मुख सहयोग को प्राथमिकता दी जा रही है, बावजूद इसके कि भारत ने आज तक तालिबान सरकार को औपचारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है।