राजस्थान में वायु प्रदूषण चरम पर: बीकानेर की हवा खतरनाक, जयपुर-अजमेर भी ‘अस्वास्थ्यकर’
राजस्थान में दीपावली के बाद वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ती जा रही है। त्योहारों के बाद छोड़े गए पटाखों, वाहनों से निकलता धुआं और बदलता मौसम अब लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है। राज्य के कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, लेकिन बीकानेर की स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक मानी जा रही है।
बीकानेर: हवा में ज़हर
बीकानेर में AQI 305 दर्ज किया गया है, जो ‘Severe’ यानी ‘अत्यंत हानिकारक’ श्रेणी में आता है। यह स्तर न सिर्फ बुजुर्गों और बच्चों के लिए, बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है।
राज्य के ये शहर भी गंभीर संकट में
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राजस्थान के अन्य प्रमुख शहरों की हवा भी कोई राहत नहीं दे रही। सबसे खराब स्थिति श्रीगंगानगर की है, जहां AQI 466 दर्ज किया गया। वहीं भिवाड़ी (416), चूरू (413), और गंगानगर (427) में भी हवा का स्तर ‘Hazardous’ श्रेणी में पहुंच गया है।
जयपुर (AQI 270), अजमेर (306), टोंक (312), पुष्कर (312) और सीकर (300) जैसे शहर भी ‘Unhealthy’ से ‘Severe’ श्रेणी में शामिल हो चुके हैं।
AQI रिपोर्ट कार्ड – 22 अक्टूबर 2025 (प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता)
शहर | AQI स्तर | वायु गुणवत्ता श्रेणी |
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श्रीगंगानगर | 466 | Hazardous (अत्यधिक हानिकारक) |
गंगानगर | 427 | Hazardous |
भिवाड़ी | 416 | Hazardous |
चूरू | 413 | Hazardous |
अलवर | 363 | Severe (गंभीर) |
टोंक | 312 | Severe |
पुष्कर | 312 | Severe |
अजमेर | 306 | Severe |
बीकानेर | 305 | Severe |
सीकर | 300 | Unhealthy (अस्वास्थ्यकर) |
जयपुर | 270 | Unhealthy |
क्या कहती है चिकित्सा विशेषज्ञों की राय?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जब AQI ‘Severe’ या उससे ऊपर जाता है, तब हवा में मौजूद सूक्ष्म कण जैसे PM2.5 और PM10 सीधे फेफड़ों में जाकर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। खासतौर पर:
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बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में कठिनाई
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अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों के लिए घातक
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आंखों में जलन, गला सूखना, थकान और सिरदर्द
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लंबे समय तक खुले वातावरण में रहने से स्थिति और खराब हो सकती है
सरकार और नागरिकों के लिए चेतावनी का समय
राजस्थान में वायु प्रदूषण का यह स्तर केवल मौसमी समस्या नहीं रह गया है। यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुका है। बीकानेर जैसे शहरों में हालात अगर ऐसे ही बने रहे, तो स्वास्थ्य सुविधाओं पर गंभीर दबाव पड़ सकता है।
नागरिकों को सलाह दी जाती है कि:
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अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें
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मास्क का प्रयोग करें
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घर में एयर प्यूरीफायर या पौधों का सहारा लें
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बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें