दीपावली पर बीकानेर में आतिशबाजी से झुलसे 186 लोग, पीबीएम अस्पताल में मेडिकल स्टाफ 24 घंटे तैनात
बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में दीपावली के दौरान बड़ी संख्या में झुलसे हुए मरीजों का इलाज किया गया। पर्व के जश्न के बीच हुई लापरवाही ने सैकड़ों लोगों को अस्पताल पहुंचा दिया। आतिशबाजी के कारण छोटे-बड़े जख्मों से पीड़ित कुल 186 लोग 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक अस्पताल पहुंचे।
सीएमओ डॉ. कपिल: अधिकांश मामूली झुलसे, 5 को किया गया भर्ती
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एल.के. कपिल ने जानकारी देते हुए बताया कि पीबीएम अस्पताल में तीन दिनों में कुल 186 केस आए, जिनमें अधिकतर को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। केवल 5 मरीजों की हालत गंभीर होने पर उन्हें भर्ती किया गया है।
डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ तीन शिफ्ट में कर रहे सेवा
डॉ. कपिल ने बताया कि दीपावली पर झुलसने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए अस्पताल में विशेष प्रबंध किए गए थे। अस्पताल में 8-8 घंटे की शिफ्ट में चिकित्सा कर्मियों की तैनाती की गई है। प्रत्येक शिफ्ट में 5 डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और सपोर्ट टीम लगातार सेवाएं दे रही है।
50 से अधिक चिकित्साकर्मी कर रहे सेवा
अस्पताल में झुलसे मरीजों की देखभाल के लिए कुल 50 से अधिक चिकित्साकर्मी और सहायक स्टाफ नियुक्त किए गए हैं, जो 24 घंटे सक्रिय हैं। उन्होंने न केवल प्राथमिक उपचार दिया, बल्कि गंभीर घायलों को अलग वार्ड में भर्ती कर विशेष निगरानी में रखा गया है।
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सामाजिक संगठनों के सेवादार भी बने सहारा
आमतौर पर सरकारी तंत्र के साथ सामाजिक संगठनों की भूमिका भी बड़ी रही। पीबीएम अस्पताल में कई सामाजिक संस्थाओं के सेवादार भी सक्रिय हैं, जो झुलसे मरीजों और उनके परिजनों की सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं। मरीजों के लिए भोजन, पानी, प्राथमिक सहायता, और मानसिक सहयोग भी इन सेवादारों की ओर से दिया जा रहा है।
बढ़ती घटनाओं पर चिंता, जनजागरूकता की जरूरत
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दीपावली पर आतिशबाजी से झुलसने के मामलों की संख्या चिंताजनक रही। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अब लोगों को जागरूक करने पर जोर देने की तैयारी में है, ताकि अगले साल इस तरह की घटनाओं में कमी लाई जा सके।