राजस्थान के खनन क्षेत्र में तकनीकी क्रांति: अब परिवहन, तुलाई और रॉयल्टी प्रक्रिया होगी पूरी तरह ऑनलाइन
जयपुर – राजस्थान सरकार राज्य के खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी, विवादमुक्त और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से दिसंबर 2025 तक एक अत्याधुनिक ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने जा रही है। इस पहल के तहत तुलाई कांटे, व्हीकल ट्रैकिंग और GPS आधारित ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट को पूरी तरह डिजिटल किया जाएगा।
यह कदम खनिज परिवहन और रॉयल्टी संग्रहण की प्रक्रिया में पारदर्शिता, निगरानी और राजस्व बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
किन तकनीकों का होगा उपयोग?
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RFID सिस्टम (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन): यह तकनीक खनन वाहनों और खनिजों की पहचान को स्वचालित करेगी जिससे अवैध खनन और चोरी की घटनाएं रोकी जा सकेंगी।
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GPS ट्रैकिंग: प्रत्येक परिवहन वाहन की लाइव लोकेशन मॉनिटरिंग होगी, जिससे उसकी मूवमेंट पर निगरानी रखी जा सकेगी।
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डिजिटल तुलाई कांटे: खनिजों की सटीक तौल और रिकॉर्डिंग के लिए सभी तुलाई केंद्रों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा।
राजस्व में होगी उल्लेखनीय वृद्धि
खान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने विभागीय समीक्षा बैठक में जानकारी दी कि इस पूरी प्रणाली के लागू होने से खनिज तुलाई, रॉयल्टी वसूली और खनिज परिवहन में मौजूद गड़बड़ियों और मानव हस्तक्षेप को समाप्त किया जाएगा। इससे न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि खानधारकों को भी संचालन में पारदर्शिता और सहूलियत मिलेगी।
22 मॉड्यूल्स पर कार्य जारी
विभागीय आईटी टीम इस परियोजना के अंतर्गत कुल 22 डिजिटल मॉड्यूल्स पर कार्य कर रही है। इनमें से कुछ प्रमुख मॉड्यूल्स पहले ही शुरू किए जा चुके हैं:
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ऑनलाइन माइनिंग प्लान की स्वीकृति
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नोड्यूज (No Dues) प्रमाण पत्र का निर्गमन
इन मॉड्यूल्स के माध्यम से खनन लाइसेंस प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन बनाया गया है, जिससे न केवल प्रक्रिया में गति आई है, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी कम हुई हैं।
फील्ड स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन
माइंस निदेशक महावीर प्रसाद मीणा ने बताया कि सभी तैयार मॉड्यूल्स को फील्ड स्तर पर प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग और एनालिसिस सिस्टम भी विकसित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब जिन मॉड्यूल्स को लाइव कर दिया गया है, उनके तहत संबंधित सभी कार्य पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से ही निपटाए जाएंगे।
विभागीय बैठक में वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस समीक्षा बैठक में अतिरिक्त निदेशक शीतल अग्रवाल, अरविन्द सारस्वत, महेश माथुर, आलोक जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने विभाग के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप की समीक्षा करते हुए इसे तय समय सीमा में लागू करने पर सहमति जताई।