जयपुर: राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कामयाबी हासिल की है। लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के सक्रिय सदस्य, गैंगस्टर अमित शर्मा उर्फ जैक पंडित को अमरीकी एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी AGTF और सीबीआई की इंटरपोल ब्रांच द्वारा साझा की गई गोपनीय सूचना के आधार पर की गई है। अब इस खूंखार अपराधी को जल्द ही भारत प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
गैंग के ‘फाइनेंसर’ की भूमिका
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एजीटीएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) दिनेश एमएन ने इस सफलता की पुष्टि करते हुए बताया कि अमित शर्मा गिरोह के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी था। वह मुख्य रूप से धन जुटाने (फंडिंग), विदेशों में मौजूद गैंग सदस्यों को पैसा पहुंचाने, भारत से फरार अपराधियों को शरण देने और उनके लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने जैसे काम में शामिल था।
दिनेश एमएन ने बताया कि अमित शर्मा मूल रूप से श्रीगंगानगर के मटीली राठन का निवासी है और कई जघन्य आपराधिक मामलों में वांछित था। जयपुर क्राइम ब्रांच ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस और अन्य आवश्यक दस्तावेज अमरीकी एजेंसियों को भेजे थे, जिसके बाद अमरीकी पुलिस ने उसके ठिकानों का पता लगाकर उसे दबोचा।
पहचान छिपाने के लिए बदले नाम
विदेश भागने के बाद, अमित शर्मा ने पुलिस से बचने के लिए लगातार अपनी पहचान छिपाई। वह गैंग के सदस्यों के बीच जैक, सुल्तान, डॉक्टर और पंडित जी जैसे कई नामों से जाना जाता था, जिससे उसकी असली पहचान उजागर न हो सके।
शुरुआत में वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के लिए काम करता था, लेकिन बाद में वह रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़ और वीरेंद्र चारण गैंग से जुड़ गया। जांच में खुलासा हुआ है कि वह हवाला के जरिए फिरौती की रकम विदेशों में प्राप्त करता था, जिसे मुख्य रूप से हथियार और ड्रग्स खरीदने के लिए गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचाया जाता था। पुलिस के अनुसार, रोहित गोदारा के विदेश भागने से पहले ही अमित ने अपना मजबूत नेटवर्क विदेशों में स्थापित कर लिया था।
गंभीर वारदातों में थी संलिप्तता
अमित शर्मा कई सनसनीखेज अपराधों में वांछित था:
- अवैध हथियार सप्लाई: 26 जनवरी 2022 को उसने अपने गुर्गे जसप्रीत सिंह उर्फ अमु को अवैध पिस्तौल और कारतूस उपलब्ध कराए थे।
- फिरौती और गोलीबारी: 29 अप्रैल 2022 को श्रीगंगानगर में अमोद कुमार भगत के घर पर फिरौती के लिए की गई गोलीबारी में उसकी प्रमुख भूमिका थी।
- हथियार तस्करी: उसने अपने सहयोगी योगेश स्वामी के साथ मिलकर गोल्डी बराड़ के गुर्गों तक पहुंचाने के लिए 6 पिस्तौल और 84 कारतूस की व्यवस्था की थी, जो बाद में पुलिस ने बरामद कर लिए।
- हत्या की साजिश: उसने अनमोल बिश्नोई और आरजू बिश्नोई के साथ मिलकर श्रीगंगानगर के सुनील शर्मा की हत्या की साजिश रची थी।
अमरीका में गिरफ्तारी के बाद, श्रीगंगानगर और पंजाब पुलिस को अमित के स्थानीय सहयोगियों को पकड़ने के लिए सूचित किया गया है, ताकि गैंग के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया जा सके।