तीन कफ सिरप बने बच्चों की मौत की वजह, WHO ने भारत को किया अलर्ट
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और राजस्थान में दो दर्जन से अधिक बच्चों की मौत के मामले ने देशभर में हलचल मचा दी है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में निर्मित तीन खांसी की दवाओं (कफ सिरप) को लेकर गंभीर हेल्थ अलर्ट जारी किया है। इन सिरप्स में डाइ-इथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की अत्यधिक मात्रा पाई गई है, जो बच्चों के लिए जानलेवा साबित हुई।
कौन-कौन से हैं ये तीन खतरनाक कफ सिरप?
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित तीन सिरप्स में DEG की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पाई गई है:
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Coldrif Syrup
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कंपनी: Sresen Pharmaceutical, तमिलनाडु
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DEG की मात्रा: 48.6% (घातक स्तर)
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Respifresh Syrup
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कंपनी: Rednex Pharmaceutical, गुजरात
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DEG की मात्रा: 1.3%
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ReLife Syrup
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कंपनी: Shape Pharma
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DEG की मात्रा: 0.6%
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इन तीनों कंपनियों के उत्पादों को अब बाजार से तत्काल प्रभाव से वापस मंगाने (रिकॉल) का आदेश दिया गया है। साथ ही उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं।
क्या है डाइ-इथिलीन ग्लाइकोल (DEG) और क्यों है ये खतरनाक?
डाइ-इथिलीन ग्लाइकोल (DEG) एक औद्योगिक केमिकल है जिसका प्रयोग ब्रेक फ्लूइड और पेंट प्रोडक्ट्स में होता है। इसका सेवन करने पर यह शरीर में किडनी फेलियर, लिवर डैमेज और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं पैदा कर सकता है। खासकर बच्चों में यह तत्व अत्यधिक संवेदनशील प्रतिक्रिया देता है और मौत तक का कारण बन सकता है।
WHO ने CDSCO से मांगा जवाब, भारत सरकार की सफाई
WHO ने भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से स्पष्ट रूप से पूछा कि क्या ये सिरप अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भेजे गए थे। जवाब में भारत सरकार ने कहा:
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ये सिरप निर्यात के लिए नहीं बनाए गए थे।
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इनके अवैध निर्यात का भी कोई प्रमाण नहीं मिला है।
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सभी संबंधित राज्यों को कार्रवाई के आदेश दिए जा चुके हैं।
राज्यों में कार्रवाई शुरू, लाइसेंस निलंबित, स्टॉक जब्त
CDSCO और राज्य औषधि नियंत्रकों ने मिलकर तीनों कंपनियों पर त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है:
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उत्पादन पर तत्काल रोक
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लाइसेंस निलंबन
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स्टॉक रिकॉल की प्रक्रिया शुरू
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संभावित रूप से जेल और जुर्माना जैसी कार्रवाई की तैयारी
माता-पिता और दवा विक्रेताओं के लिए चेतावनी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के दवा विक्रेताओं को चेताया है कि वे इन तीनों ब्रांड के किसी भी उत्पाद की बिक्री तुरंत बंद करें। साथ ही माता-पिता को सलाह दी गई है कि यदि ये सिरप उनके पास हैं तो इन्हें बच्चों को बिल्कुल भी न दें और नजदीकी मेडिकल अथॉरिटी को रिपोर्ट करें।
निष्कर्ष: दवा निर्माण में सख्ती की जरूरत
यह घटना एक बार फिर भारत में दवा गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करती है। WHO की चेतावनी और केंद्र सरकार की त्वरित कार्रवाई से स्पष्ट है कि अब इस प्रकार की लापरवाहियों पर सख्त कानून और कड़ी निगरानी की जरूरत है।