कुचामन शहर में जिम में हुई व्यापारपति की हत्या, परिजन धरने पर बैठे
कुचामन (नागौर): डीडवाना तहसील के कुचामन सिटी में मंगलवार सुबह एक चर्चित व्यापारपति रमेश रूलानिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या की घटना जिम में हुई, जहां वे वर्कआउट करने गए थे। इस घटना के बाद उनके परिजन व स्थानीय लोग कुचामन पुलिस थाने के सामने दो दिन से धरने पर बैठे हैं, और हत्यारों को गिरफ्तार करने या एनकाउंटर में खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
हत्या की घटना एवं संदिग्ध विवरण
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मामला सुबह करीब 5:20 बजे का है, जब जिम पर हमला किया गया।
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पुलिस की जानकारी के अनुसार, तीन नकाबपोश बदमाश दो स्कॉर्पियो गाड़ियों में सवार होकर जिम की दूसरी मंजिल में घुसे और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
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घायल अवस्था में रमेश रूलानिया को हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
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हत्या से पहले, आरोप है कि रोहित गोदारा गैंग ने उनसे रंगदारी की मांग की थी। रूलानिया को धमकियां मिल चुकी थीं।
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एक गैंग सदस्य वीरेंद्र चारण ने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए इस हत्या की जिम्मेदारी ली और कहा कि रूलानिया ने उन्हें अपमानित किया था और रंगदारी देने से इंकार किया था।
धरने की मांगें, अंतिम संस्कार रोका
परिजन और स्थानीय लोग पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने निर्णय लिया है कि मुकदमेबाजों की गिरफ्तारी या एनकाउंटर तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
इस बीच, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह घोषणा की है कि वे बुधवार को दोपहर में धरने में शामिल होंगे और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कहेंगे।
पुलिस कार्रवाई और चुनौतियां
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पुलिस ने पूरे जिले में नाकाबंदी लागू कर दी है और CCTV फुटेज खंगाली जा रही है।
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ज्ञात है कि रूलानिया पहले ही धमकियों के कारण पुलिस सुरक्षा प्राप्त कर चुके थे, लेकिन वह सुरक्षा कुछ समय पहले हटा दी गई थी।
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बहु‑आरोपित गैंगों—रोहित गोदारा एवं वेरेंद्र चारण—के जुड़े एंगल की जांच की जा रही है।
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पुलिस ने अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है, जिससे स्थानीय जनता में असंतोष बढ़ गया है।
विश्लेषण और प्रशासन के समक्ष चुनौतियाँ
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यह घटना स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था की क्षमता पर प्रश्न खड़े करती है, खासकर ऐसे मामले में जहां हत्यारों ने सार्वजनिक स्थल पर हमला किया।
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पहले से मिली धमकियों पर पर्याप्त राजनीति और सुरक्षा ध्यान नहीं दिया जाना भी एक आलोचनात्मक मुद्दा बन चुका है।
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धरने और सार्वजनिक दबाव से प्रशासन पर कार्रवाई का तनाव बढ़ेगा, और जल्द निष्कर्ष निकालना आवश्यक होगा।