बीकानेर | अक्टूबर 2025
राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने राज्य सरकार से दिवाली बोनस की पूर्ण राशि देने और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग को लेकर शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा बीकानेर को औपचारिक पत्र भेजा है। संघ के प्रतिनिधियों ने इसे शिक्षकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित त्रिवेदी, प्रदेश संगठन मंत्री प्रकाश त्रिवेदी और प्रदेश कोऑर्डिनेटर मानशंकर पाटीदार के नेतृत्व में भेजे गए इस पत्र में दो मुख्य मांगें उठाई गई हैं—दिवाली बोनस की पूर्ण अदायगी और वर्षों से लंबित तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण।
वर्षों से अटकी स्थानांतरण प्रक्रिया, शिक्षक हो रहे मानसिक रूप से प्रभावित
संघ पदाधिकारियों ने बताया कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण लंबे समय से लंबित हैं, जिससे कई शिक्षकों की पारिवारिक, मानसिक और शारीरिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षक न केवल अपने निजी जीवन में असंतुलन का अनुभव कर रहे हैं बल्कि कार्यक्षमता भी प्रभावित हो रही है।
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संघ का मानना है कि सरकार को अपने चुनावी वादों के अनुसार इस प्रक्रिया को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अपील की कि वे दीपावली से पूर्व इस मुद्दे का समाधान कर शिक्षकों को एक सकारात्मक संदेश दें।
75 प्रतिशत दिवाली बोनस अस्वीकार्य, पूर्ण राशि देने की मांग
संघ के अतिरिक्त महामंत्री अशोक गामोट, जिलाध्यक्ष अरविंद पाटीदार और जिला मंत्री भूपेंद्र सिंह म्याला ने सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों से केवल 75 प्रतिशत दिवाली बोनस दिए जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के समय जब प्रदेश की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, तब शिक्षकों ने 25 प्रतिशत की कटौती को राज्य के प्रति संवेदना के रूप में स्वीकार किया था।
हालांकि अब जब प्रदेश की स्थिति सामान्य हो चुकी है, फिर भी शिक्षकों को बोनस की पूर्ण राशि न दिया जाना न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि शिक्षकों के मनोबल को भी प्रभावित करता है। संघ ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस वर्ष सभी शिक्षकों को 100 प्रतिशत बोनस प्रदान किया जाए।
सरकार से सकारात्मक निर्णय की उम्मीद
राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने विश्वास जताया है कि वर्तमान सरकार शिक्षकों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाएगी और शीघ्र ही दोनों मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेकर एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करेगी। संघ ने यह भी संकेत दिया है कि यदि इन मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो वह आंदोलनात्मक रास्ता भी अपना सकते हैं।


