राजस्थान सरकार की सख्ती: भ्रष्टाचार और लापरवाही पर 28 अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई
जयपुर – राजस्थान सरकार ने सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामलों में 28 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अलग-अलग प्रकार की अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई को मंजूरी दे दी है। ये कार्रवाई 15 अलग-अलग मामलों में की गई है।
दो आरएएस अधिकारी सस्पेंड, 13 पर मुकदमा चलेगा
राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार और नियमविरुद्ध कार्य करने के आरोप में दो आरएएस अधिकारियों को निलंबित (सस्पेंड) करने का आदेश दिया है। वहीं, तीन मामलों में कुल 13 अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दी गई है, जिससे अब उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा।
चुनाव ड्यूटी में लापरवाही पर एसडीओ और तहसीलदार पर कार्रवाई
एक अन्य मामले में चुनाव कार्य में लापरवाही बरतने पर एक एसडीओ और तहसीलदार को राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम, 1958 के नियम 16 के तहत चार्जशीट देकर विभागीय कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। दोनों अधिकारियों पर चुनावी प्रक्रिया को गंभीरता से न लेने का आरोप है।
लापरवाही और अनुपस्थिति पर जबरन रिटायरमेंट
सरकारी कार्यों में गंभीर लापरवाही और लंबे समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के आरोप में एक कर्मचारी को जबरन रिटायर करने का फैसला लिया गया है। यह कदम संकेत देता है कि सरकार अब गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगी।
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दोषी पाए गए अफसरों की पेंशन पर भी कार्रवाई
भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाए गए दो अधिकारियों की पूरी पेंशन रोकने का निर्णय लिया गया है। वहीं, अन्य तीन मामलों में दोषी पाए गए पांच अधिकारियों की समानुपातिक पेंशन राशि को रोकने की मंजूरी दी गई है। यह फैसला सेवावृत्ति पर सख्ती से कार्रवाई करने की दिशा में एक मजबूत संकेत माना जा रहा है।
रिटायर अफसर के खिलाफ राज्यपाल को भेजा गया प्रस्ताव
एक ऐसे अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई प्रस्तावित है, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन रिटायरमेंट के बाद जांच में उनके खिलाफ लगे आरोप प्रमाणित पाए गए हैं। इस मामले में सरकार ने कार्रवाई की मंजूरी के लिए फाइल राज्यपाल के पास भेज दी है।
नियम 17-सीसीए और नियम 34 के तहत कार्रवाई
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नियम 17-सीसीए के तहत, अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अनुचित कार्यवाही करने के कारण एक प्रिंसिपल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
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एक आरपीएस अधिकारी की रिव्यू याचिका को मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया है और नियम 34 के अंतर्गत पहले से की गई कार्रवाई को यथावत रखा गया है।


