गुमशुदगी की जांच में रिश्वत का खेल, हेड कांस्टेबल पर एसीबी ने दर्ज किया भ्रष्टाचार का मामला
बीकानेर – राजस्थान के बीकानेर जिले के गजनेर थाना क्षेत्र में युवती की गुमशुदगी के मामले में भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने सत्यापन के बाद हेड कांस्टेबल सुरेश मीणा के खिलाफ रिश्वत मांगने और अवैध वसूली करने का मामला दर्ज किया है।
यह मामला कोलायत तहसील के निवासी परिवादी कानसिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ, जिसमें बताया गया कि गजनेर पुलिस ने जांच के नाम पर उसकी मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन और अन्य सामान जब्त कर लिया, और फिर उन्हें वापस करने के बदले में रिश्वत की मांग की गई।
शिकायत में क्या कहा गया?
परिवादी कानसिंह ने 26 जुलाई 2025 को एसीबी की बीकानेर चौकी में रिपोर्ट दी कि उसकी गुमशुदा युवती से जुड़ी जांच में हेड कांस्टेबल सुरेश मीणा ने अवैध रूप से:
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मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन जब्त कर लिया,
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उन्हें लौटाने के एवज में ₹30,000 रिश्वत की मांग की,
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साथ ही युवती की चांदी की पायल भी मांगी,
कानसिंह के अनुसार, कांस्टेबल ने बातचीत के दौरान कहा – “तीन तो दे और 3000 ले लिए”, जिसका मतलब यह था कि मोबाइल वापस पाने के लिए 3000 रुपये देने होंगे।
एसीबी ने कैसे की कार्रवाई?
शिकायत के सत्यापन के दौरान एसीबी की टीम ने यह पाया कि:
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हेड कांस्टेबल ने ₹3000 की राशि वसूल की,
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मोबाइल वापस देने में जानबूझकर देरी की गई, अलमारी की चाबी न मिलने का बहाना बनाया गया,
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चांदी की पायल और बाइक की वापसी के लिए चालान और जुर्माने की बात कहकर भ्रमित किया गया,
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बाद में शक होने पर कांस्टेबल ने अपना फोन बंद कर लिया,
परिवादी के जीजा स्वरूप सिंह को बुलाकर मोबाइल और बाइक बिना किसी प्रक्रिया के सौंप दी गई।
एसीबी ने दर्ज किया मुकदमा
बीकानेर स्थित एसीबी चौकी के प्रभारी के अनुसार, इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय जयपुर भेजी। वहां से अनुमति मिलने के बाद हेड कांस्टेबल सुरेश मीणा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
अब आगे क्या?
एसीबी इस मामले की पूरी जांच करेगी। यह देखा जाएगा कि:
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गुमशुदगी की जांच में हेड कांस्टेबल ने अपने पद का दुरुपयोग कैसे किया,
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रिश्वत की मांग और अवैध सामान जब्ती किस हद तक संस्थागत भ्रष्टाचार को दर्शाती है,
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क्या इससे पहले भी इस प्रकार की शिकायतें उस पुलिसकर्मी के खिलाफ सामने आई हैं।


