नई दिल्ली:
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को लेकर एक सख्त और स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि अगर उसने सर क्रीक क्षेत्र में किसी भी तरह की हिमाकत की, तो उसका जवाब ऐसा होगा जो न सिर्फ पाकिस्तान के इतिहास बल्कि भूगोल को भी बदल कर रख देगा। उन्होंने यह चेतावनी गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे के दौरान दी, जहां वे सीमा सुरक्षा व्यवस्था और सेना की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
सर क्रीक विवाद को जानबूझकर भड़का रहा है पाकिस्तान: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि भारत की तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान सर क्रीक क्षेत्र में सीमा विवाद को सुलझाने के बजाय बार-बार इसे हवा देने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “भारत ने कई बार शांति और संवाद के रास्ते इस मसले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान की नीयत शुरू से ही संदिग्ध रही है। अब जब पाकिस्तानी सेना सर क्रीक के पास अपने सैन्य ठिकानों को बढ़ा रही है, तो यह साफ संकेत है कि वह कुछ बड़ा करने की फिराक में है।”
सीमाओं की रक्षा के लिए सेना और बीएसएफ सतर्क
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) सर क्रीक क्षेत्र में पूरी तरह सतर्क हैं और किसी भी तरह की घुसपैठ या सैन्य दुस्साहस का तुरंत और कड़ा जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन कोई हमारी संप्रभुता को चुनौती देगा तो उसे उसकी सबसे बड़ी भूल साबित करेंगे।”
1965 की जंग की याद दिलाई
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने 1965 की भारत-पाक जंग का ज़िक्र करते हुए कहा, “उस युद्ध में भारतीय सेना ने लाहौर तक पहुंचने की क्षमता दिखाई थी। पाकिस्तान को ये याद रखना चाहिए कि कराची तक जाने का एक रास्ता सर क्रीक से भी गुजरता है। आज का भारत पहले से कहीं अधिक सक्षम, सजग और निर्णायक है।”
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ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा: पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम हुआ बेनकाब
राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि हाल में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान द्वारा भारत के डिफेंस सिस्टम को भेदने की एक बड़ी कोशिश को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय सैन्य बलों ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से एक्सपोज कर दिया, जिससे उसकी रणनीतिक कमजोरियां सामने आ गईं।
संयम हमारा संकल्प, लेकिन सुरक्षा सर्वोपरि
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत ने हमेशा संयम और शांति की नीति अपनाई है, लेकिन यह कमजोरी नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारी हर सैन्य कार्रवाई केवल आतंकवाद के खिलाफ केंद्रित है। हमने कभी युद्ध नहीं चाहा, लेकिन यदि सीमा पर दुस्साहस किया गया, तो जवाब ऐसा होगा जो दशकों तक याद रखा जाएगा।”