बीकानेर में जनसेवा की नई पहल, मदन राठौड़ ने की पहले जनसुनवाई केंद्र की शुरुआत
बीकानेर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ अपने दो दिवसीय बीकानेर दौरे के दौरान बुधवार को एक नई जनसेवा पहल की शुरुआत की। उन्होंने बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में बने प्रदेश के पहले जनसुनवाई केंद्र का उद्घाटन किया। यह केंद्र एमएम ग्राउंड के पास स्थापित किया गया है, जहां आमजन अपनी समस्याएं सीधे जनप्रतिनिधियों के समक्ष रख सकेंगे।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
विधायक सिद्धि कुमारी के प्रयासों की सराहना, अन्य विधायकों को भी प्रेरणा लेने की बात
शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राठौड़ ने कहा,
“जनसेवा करना ही भारतीय जनता पार्टी का मूल मंत्र है। यह जनसुनवाई केंद्र उसी सोच का विस्तार है।”
उन्होंने बीकानेर पश्चिम की विधायक सिद्धि कुमारी (व्यास) की खुलकर तारीफ की और कहा कि उन्होंने प्रदेश में पहला जनसुनवाई केंद्र शुरू करके एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिससे अन्य विधायक भी प्रेरणा लेंगे।
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अधिकारियों को चेतावनी, जनता के प्रति जिम्मेदार बने
मदन राठौड़ ने अपने भाषण में प्रशासनिक अधिकारियों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा:
“मैं अधिकारियों से कहना चाहता हूं कि आप जनता के सेवक हैं, राजा नहीं। आपकी सैलरी जनता के टैक्स के पैसे से आती है। इसलिए जनप्रतिनिधियों की बात को सुनें और समय पर समस्याओं का समाधान करें।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि जनहित में आवाज उठाते रहेंगे, और प्रशासन को जवाबदेह बनाया जाएगा।
जनता को किया जागरूक, “नेताओं से काम का हिसाब मांगें”
प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने आम लोगों से भी अपील की कि वे केवल नेताओं के वादों पर भरोसा न करें, बल्कि उनसे जवाबदेही मांगें। उन्होंने कहा:
“अगर कोई नेता आपसे आशीर्वाद मांगने आए, तो उससे पूछिए कि पिछले पांच साल में क्या काम किया। जो नेता जवाब न दे पाए, उसके कान मरोड़ने से भी परहेज मत कीजिए।”
यह बयान एक ओर जहां राजनीतिक जवाबदेही की बात करता है, वहीं जनता को अपने अधिकारों के प्रति सजग करने का प्रयास भी है।
वोटर लिस्ट विवाद पर कांग्रेस पर हमला
अपने भाषण के अंतिम हिस्से में राठौड़ ने कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। उन्होंने दावा किया कि:
“कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने भारत की नागरिकता लेने से पहले ही वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवा लिया था। ऐसे में ‘वोट चोरी’ का असली चेहरा कौन है, यह जनता तय करे।”
यह बयान साफ तौर पर 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा की रणनीतिक घेराबंदी का हिस्सा माना जा रहा है।


