लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर में गांधी प्रतिमा के साथ तोड़फोड़, भारत विरोधी नारों से माहौल तनावपूर्ण
लंदन, 30 सितंबर: लंदन के प्रतिष्ठित टैविस्टॉक स्क्वायर में स्थापित महात्मा गांधी की ऐतिहासिक प्रतिमा को अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा नुकसान पहुंचाया गया है। घटना में न केवल प्रतिमा के चबूतरे को क्षतिग्रस्त किया गया, बल्कि वहां भारत और गांधी से जुड़ी अपमानजनक और भड़काऊ बातें भी लिख दी गईं। इस घटना से भारत सरकार और भारतीय समुदाय में गहरा आक्रोश है, खासकर तब जब गांधी जयंती मात्र कुछ दिन दूर है।
भारत सरकार ने की सख्त निंदा, जांच की मांग
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस घटना की तीखी निंदा की है और इसे गांधी के सिद्धांतों और भारत की छवि पर सीधा हमला बताया है। उच्चायोग ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “यह कृत्य केवल संपत्ति की तोड़फोड़ नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अहिंसा और शांति के प्रतीक महात्मा गांधी के मूल्यों पर हमला है।”
मूर्ति की मरम्मत का कार्य तुरंत शुरू
भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि स्थानीय अधिकारियों को घटना की सूचना दे दी गई है और प्रतिमा को उसकी मूल स्थिति में बहाल करने का काम शुरू कर दिया गया है। मिशन के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं ताकि मरम्मत का कार्य पूरी निगरानी और संवेदनशीलता के साथ संपन्न किया जा सके।
क्या लिखा गया था प्रतिमा पर?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मूर्ति के चबूतरे और आस-पास की दीवारों पर “गांधी”, “मोदी”, “हिंदुस्तानी”, “आतंकवादी” जैसे शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानजनक नारे लिखे गए। यह कार्य किस समूह या व्यक्ति ने किया है, इसकी जांच फिलहाल जारी है। प्रारंभिक जांच में इसे एक सुनियोजित सांप्रदायिक या राजनीतिक साजिश माना जा रहा है।
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पुलिस और स्थानीय प्रशासन सक्रिय
मेट्रोपॉलिटन पुलिस और कैमडेन काउंसिल की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और अपराधियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों की जांच कर रही हैं। पुलिस का कहना है कि यह घटना नफरत फैलाने की मंशा से की गई और इसके जिम्मेदारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
गांधी जयंती समारोह पर संशय
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब 2 अक्टूबर को टैविस्टॉक स्क्वायर में हर वर्ष की तरह गांधी जयंती मनाने की योजना बनाई गई थी। अब इस आयोजन पर सुरक्षा कारणों से संशय उत्पन्न हो गया है। आयोजकों का कहना है कि वे स्थानीय प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं ताकि शांतिपूर्ण ढंग से कार्यक्रम संपन्न किया जा सके।
 
             
             
        


 
         
         
         
         
         
         
         
        