राजस्थान के सीकर जिले के ग्रामीण इलाके में एक चार साल की अबोध बच्ची के साथ हुए बलात्कार की जघन्य घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। यह गंभीर मामला जहां एक तरफ समाज के माथे पर कलंक है, वहीं दूसरी ओर संबंधित पुलिस अधिकारियों का रवैया भी सवालों के घेरे में है। बच्ची की हालत बेहद नाजुक है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस पर लगा गंभीर मामला छुपाने का आरोप
पीड़ित मासूम के पिता की शिकायत पर नाबालिग आरोपी के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) एक्ट की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने मौका-ए-वारदात का जायजा लिया।
हालांकि, सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि घटना के सामने आने के बाद संबंधित पुलिस उप अधीक्षक (DSP) और थानाधिकारी सहित समस्त अधिकारी दो दिनों तक पूरे घटनाक्रम पर पर्दा डालने की कोशिश करते रहे। इस संवेदनशील और जघन्य अपराध को लेकर पुलिस की यह लापरवाही और ‘अपनी आबरू बचाने’ की कोशिश स्थानीय लोगों के बीच गहरा आक्रोश पैदा कर रही है। यहां तक कि इस घटनाक्रम की जानकारी लेने के लिए जब मीडिया ने संबंधित डीएसपी से संपर्क किया, तो उन्होंने घटना बताने से इनकार कर दिया, और थानाधिकारी ने फोन तक नहीं उठाया।
एफएसएल ने जुटाए साक्ष्य, उग्र हुआ जन आक्रोश
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार शाम को यह घिनौनी वारदात हुई। बच्ची के पिता की तहरीर पर मामला दर्ज होने के बाद सोमवार सुबह डीएसपी और थानाधिकारी घटना स्थल पहुंचे। राज्य की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर सारे साक्ष्य और सबूत जुटाए हैं।
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इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद से ही आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों में उग्र आक्रोश है और वे पुलिस-प्रशासन के ढुलमुल रवैये की कड़ी निंदा कर रहे हैं।
चिकित्सकों की सजगता से खुला मामला
पुलिस ने बताया कि रविवार शाम को बच्ची की गंभीर हालत देखकर परिवार के लोग उसे इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे। मासूम की मां ने जब उससे बड़े प्यार से बात की, तो बच्ची ने इशारों और टूटे-फूटे शब्दों में नाबालिग आरोपी का नाम लिया और कुछ बात बताई। अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने तुरंत बच्ची का इलाज शुरू किया और मामले की गंभीरता को समझते हुए परिवार के लोगों को सूचित किया कि बच्ची के साथ यौन दुराचार हुआ है और उन्हें तुरंत पुलिस थाना जाकर मामला दर्ज कराना चाहिए। चिकित्सकों की सजगता के बाद ही मासूम के पिता ने पुलिस थाना पहुंचकर सारा घटनाक्रम बताया और रिपोर्ट दर्ज कराई।
कार्रवाई की मांग और कानूनी पहलू
इस पूरे मामले में पुलिस की शुरुआती प्रतिक्रिया पर उठे सवालों के बीच, स्थानीय जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता त्वरित एवं कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिगों से जुड़े ऐसे मामलों में पुलिस का दायित्व होता है कि वे तत्काल और संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करें, किसी भी प्रकार की सूचना छुपाना या देरी करना कानून के खिलाफ है और गंभीर प्रशासनिक चूक मानी जाएगी।