भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा का निधन, दिल्ली में पार्टी की नींव रखने वाले नेताओं में थे शामिल
नई दिल्ली, 30 सितंबर 2025:
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद और दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का मंगलवार को निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे और दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनकी पहचान न केवल एक अनुभवी राजनेता के रूप में थी, बल्कि वे खेल प्रशासन, शिक्षा और पार्टी संगठन के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभा चुके थे।
लाहौर से दिल्ली तक की यात्रा: जनसंघ से भाजपा तक का सफर
मल्होत्रा का जन्म 3 दिसंबर 1931 को लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। विभाजन के बाद भारत आकर उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के माध्यम से राजनीतिक गतिविधियों में सक्रियता दिखाई। 1967 में दिल्ली नगर निगम के महापौर बने और 1972 में जनसंघ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष चुने गए। वे 1980 में भाजपा बनने के बाद दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष बने और 1984 तक इस पद पर रहे।
पांच बार सांसद, दो बार विधायक, मनमोहन सिंह को दी थी बड़ी हार
प्रो. मल्होत्रा 1980, 1984, 1996, 1999 और 2004 में सांसद चुने गए और दो बार विधायक भी रहे।
1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को 1.3 लाख से अधिक वोटों से हराया था।
चुनाव प्रचार के दौरान उनके एक मजाकिया बयान ने उन्हें दिल्ली के लोगों का चहेता बना दिया था:
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“मैं तो लोकल लड्डू हूं, जो हर गली-मोहल्ले में मिलता है। बाहरी मिठाई यहां नहीं चलेगी।”
इस टिप्पणी ने लोगों से भावनात्मक जुड़ाव पैदा किया और उन्होंने भारी समर्थन दिया।
2004 में दिल्ली से भाजपा के इकलौते विजयी उम्मीदवार रहे
2004 में जब भाजपा को दिल्ली की अधिकांश सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, तब मल्होत्रा ही अकेले ऐसे नेता थे जो अपनी सीट बचा पाए। उनकी सादगी, संगठित कार्यशैली और जमीनी पकड़ उन्हें पार्टी के भीतर और जनता में सम्मानित नेता बनाती रही।
खेल प्रशासन और शिक्षा में भी निभाई अहम भूमिका
प्रो. मल्होत्रा भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे। 2011 में सुरेश कलमाडी की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी निभाई। खेल प्रशासन में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
साथ ही, वे दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे और शिक्षा क्षेत्र में भी उनका गहरा योगदान रहा।
राजनीतिक विरासत
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जनसंघ और भाजपा में संगठनात्मक मजबूती देने वाले शुरुआती नेताओं में प्रमुख भूमिका।
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केदारनाथ साहनी, मदनलाल खुराना जैसे नेताओं के साथ मिलकर दिल्ली में भाजपा की नींव रखी।
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विपरीत राजनीतिक हालात में भी पार्टी को जीवित और सक्रिय बनाए रखा।
श्रद्धांजलि
विजय कुमार मल्होत्रा के निधन से भारतीय राजनीति ने एक सशक्त, विनम्र और दूरदर्शी नेता को खो दिया है। प्रधानमंत्री, वरिष्ठ भाजपा नेताओं और दिल्ली के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।


