गाढ़वाला टोल फ्री की मांग को लेकर नापासर में दसवें दिन भी जारी रहा धरना, जनप्रतिनिधियों ने सरकार को घेरा
बीकानेर/नापासर – गाढ़वाला टोल प्लाजा को स्थायी रूप से टोल फ्री किए जाने की मांग को लेकर नापासर में जारी विरोध-प्रदर्शन दसवें दिन भी नहीं थमा। आंदोलन स्थल पर सोमवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी रही, जिन्होंने सरकार की उपेक्षा भरी नीति को लेकर खुलकर नाराजगी जाहिर की।
ग्रामीणों पर टोल का बोझ बना चिंता का कारण
धरने में शामिल लोगों ने कहा कि नापासर और आसपास के दर्जनों गांवों के लोग प्रतिदिन गाढ़वाला टोल से होकर बीकानेर, नापासर और अन्य कस्बों में आना-जाना करते हैं। रोजाना ₹60 से ₹100 तक का टोल चुकाना ग्रामीणों के लिए अर्थिक बोझ बन गया है।
इसका सीधा असर किसानों, विद्यार्थियों, छोटे व्यापारियों और नौकरीपेशा वर्ग पर पड़ रहा है।
धरने में जुटे कांग्रेस नेता और जनप्रतिनिधि
धरनास्थल पर पहुंचे पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल, कांग्रेस नेता रामनिवास कूकणा, प्रधान लालचंद आसोपा, नरेंद्र स्याणी, सरपंच प्रतिनिधि रतीराम तावणिया सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि बार-बार ज्ञापन देने और मांग उठाने के बावजूद कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई।
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उन्होंने एक स्वर में कहा कि जब तक ग्रामीणों को टोल फ्री का लाभ नहीं मिलता, तब तक यह धरना जारी रहेगा।
क्या है ग्रामीणों की मुख्य मांग?
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स्थानीय वाहनों को पूर्ण टोल माफी दी जाए।
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आवागमन करने वाले किसान और विद्यार्थियों को विशेष छूट मिले।
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गांवों को शहरी टोल नीति से बाहर रखा जाए।
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सरकार और टोल कंपनी के बीच नई शर्तों के साथ समझौता हो।
सरकार पर दबाव बढ़ाने की तैयारी
धरने के आयोजकों ने ऐलान किया है कि अगर जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया गया, तो जिला मुख्यालय तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही, विधानसभा घेराव की चेतावनी भी दी गई है।


