रूस ने अमेरिका को घेरा, भारत को बताया भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में रूस ने अमेरिका की भारत नीति पर निशाना साधते हुए भारत-रूस संबंधों को लेकर एक अहम बयान दिया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने स्पष्ट किया कि भारत और रूस की साझेदारी केवल तेल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी है जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है।
भारत के साथ संबंधों को लेकर रूस का मजबूत संदेश
लावरोव ने अपने संबोधन में कहा कि रूस भारत को केवल ऊर्जा आपूर्ति के नजरिए से नहीं देखता। दोनों देशों के बीच रिश्ते ऐतिहासिक हैं और इनमें सामरिक, तकनीकी, व्यापारिक और कूटनीतिक क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल आयात को लेकर टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
अमेरिकी टैरिफ का भारत-रूस रिश्तों पर असर नहीं
यूएनजीए सत्र के इतर जब एक मीडिया इंटरव्यू में लावरोव से पूछा गया कि क्या अमेरिकी टैरिफ भारत-रूस आर्थिक साझेदारी को प्रभावित करेंगे, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस को इस तरह के किसी भी दबाव से फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ अपने संबंधों को अमेरिका की नीतियों से निर्धारित नहीं करते।”
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भारत अपने हितों के अनुसार फैसले करता है: लावरोव
रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह अपने साझेदारों का चुनाव अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अमेरिका को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत की विदेश नीति स्वतंत्र है और किसी के दबाव में नहीं आती।
लावरोव ने कहा, “अगर अमेरिका भारत के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए कोई ठोस प्रस्ताव लाता है, तो हम उस पर चर्चा को तैयार हैं। लेकिन भारत, रूस या किसी अन्य तीसरे देश के साथ अपने संबंध केवल द्विपक्षीय हितों के आधार पर तय करेगा।”
पीएम मोदी की विदेश नीति का रूस ने किया सम्मान
सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वतंत्र विदेश नीति का सम्मान करता है। उन्होंने बताया कि रूस और भारत के बीच शीर्ष स्तर पर नियमित संवाद होता है, जिससे द्विपक्षीय रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हाल ही में चीन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच सकारात्मक बातचीत हुई थी।
पुतिन की भारत यात्रा तय, एजेंडे में रक्षा से लेकर एआई तक सहयोग
रूसी विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि दिसंबर में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर आ सकते हैं। इस यात्रा के दौरान व्यापार, रक्षा, तकनीकी सहयोग, वित्त, स्वास्थ्य और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अहम क्षेत्रों में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच एक व्यापक और मजबूत एजेंडा तैयार है, जो दोनों देशों के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखता है।


