राजस्थान सरकार ने बदले राशन वितरण के नियम, अब एक सदस्य की कमी से नहीं रुकेगा पूरा परिवार का अनाज
राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत राशन वितरण को लेकर सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिससे हजारों जरूरतमंद परिवारों को बड़ी राहत मिली है। ई-केवाईसी से जुड़ी व्यवस्था में आई तकनीकी व प्रशासनिक खामी को देखते हुए सरकार ने नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है।
पहले की व्यवस्था के अनुसार, यदि किसी एक सदस्य की भी ई-केवाईसी नहीं होती थी, तो पूरा परिवार राशन से वंचित हो जाता था। ऐसी स्थिति में पोस मशीन (POS Machine) उस परिवार को रेड कैटेगरी में डाल देती थी, जिससे बाकी पात्र सदस्यों को भी राशन नहीं मिल पाता था।
पत्रिका की खबर के बाद एक्शन में आया मुख्यमंत्री कार्यालय
इस विसंगति को दैनिक पत्रिका ने प्रमुखता से उजागर किया, जिसके बाद मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा। मुख्यमंत्री ने इस समस्या को गंभीर मानते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को तत्काल आवश्यक बदलाव करने के निर्देश दिए।
- Advertisement -
सीएम कार्यालय के निर्देश के बाद विभाग ने पोस मशीन की तकनीकी प्रणाली में सुधार कर दिया है। अब अगर किसी एक सदस्य की ई-केवाईसी नहीं हुई है, तो सिर्फ उसी व्यक्ति को राशन नहीं मिलेगा, जबकि बाकी सदस्यों को उनका नियत गेहूं मिलता रहेगा।
पोस मशीन में जोड़ा गया नया विकल्प
खाद्य विभाग ने पोस मशीन में तकनीकी बदलाव कर ‘आंशिक वितरण’ का विकल्प शुरू किया है। इससे अब राशन डीलर किसी सदस्य की ई-केवाईसी पूरी न होने की स्थिति में भी अन्य सदस्यों को राशन दे सकेंगे।
डिंपल कुमार शर्मा, अध्यक्ष, अखिल भारतीय उचित मूल्य दुकानदार संघ, ने बताया:
“एक सदस्य की ई-केवाईसी नहीं होने पर पूरे परिवार को राशन से वंचित किया जा रहा था। हमने इस पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अब केवल उस सदस्य को ही राशन नहीं मिलेगा, जिसकी ई-केवाईसी लंबित है। यह बदलाव अत्यंत जरूरी और सराहनीय है।”
नए फैसले से कौन-कौन होगा लाभान्वित?
-
खाद्य सुरक्षा योजना के लाखों लाभार्थी परिवार
-
जिन परिवारों में सभी सदस्यों की ई-केवाईसी नहीं हो पाई है
-
ग्रामीण इलाकों में जहां तकनीकी समस्याओं के कारण केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई
सरकार का रुख अब मानव केंद्रित
इस फैसले से यह स्पष्ट है कि सरकार अब योजनाओं के क्रियान्वयन में लचीलापन और मानवकेंद्रित दृष्टिकोण अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। तकनीकी अनिवार्यताओं के कारण गरीबों को भोजन से वंचित रखना अब अतीत की बात हो गई है।
