दिवाली पर नहीं मिलेगा सरकारी गिफ्ट, मोदी सरकार ने खर्च पर लगाई सख्त लगाम
नई दिल्ली।
इस दिवाली केंद्र सरकार के कार्यालयों में अब मिठाई, ड्रायफ्रूट्स या गिफ्ट पैकेट्स की परंपरा बंद होने जा रही है। मोदी सरकार ने सार्वजनिक धन से त्योहारों पर गिफ्ट देने पर पूर्ण रूप से रोक लगाने का सख्त फैसला किया है। यह आदेश देश के सभी मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर लागू होगा।
यह फैसला वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (Department of Expenditure) द्वारा जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य सरकारी खर्च में फिजूलखर्ची को रोकना और राजकोषीय अनुशासन (Fiscal Discipline) को बढ़ावा देना है।
अब नहीं मिलेगा दिवाली पर मिठाई का डिब्बा या ड्रायफ्रूट का पैकेट
त्योहारों के अवसर पर मंत्रालयों, विभागों, बैंकों और सार्वजनिक संस्थानों की ओर से गिफ्ट बांटने की वर्षों पुरानी परंपरा रही है, लेकिन 2025 की दिवाली से यह सिलसिला बंद होगा। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी संस्था या विभाग अब सरकारी फंड का उपयोग त्योहारों पर उपहार देने के लिए नहीं कर सकेगा।
सभी मंत्रालयों को भेजी गई आदेश की प्रति, तत्काल प्रभाव से लागू
सरकार ने इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। आदेश की प्रति सभी मंत्रालयों के सचिवों को भेजी गई है, साथ ही कैबिनेट सचिव, लोक उपक्रम विभाग, वित्तीय सलाहकारों, वित्तीय सेवा विभाग और सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (CPSEs) और बैंकों को भी इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
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राजकोषीय अनुशासन पर केंद्र सरकार का बढ़ता फोकस
विशेषज्ञों के अनुसार यह निर्णय सरकार के बजट प्रबंधन और फिजूलखर्ची पर नियंत्रण की नीति को दर्शाता है। यह कदम केवल एक प्रतीकात्मक निर्णय नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि सरकार प्रत्येक खर्च पर नजर रखे हुए है और सार्वजनिक धन का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहती है।
पब्लिक सेक्टर बैंकों और CPSEs पर भी लागू होगा आदेश
यह आदेश सिर्फ मंत्रालयों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सभी सरकारी उपक्रमों, पब्लिक सेक्टर बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर भी लागू होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल केवल जरूरी और प्राथमिक कार्यों पर ही हो।
सरकारी कर्मचारियों के लिए दिवाली पर सादा माहौल
इस फैसले के बाद दिवाली जैसे पर्वों पर सरकारी दफ्तरों में मिलने वाले गिफ्ट, मिठाई और सजावट आदि पर भी असर पड़ेगा। कई सरकारी कर्मियों के अनुसार, यह परंपरा वर्षों से चली आ रही थी, लेकिन अब त्योहारों का स्वागत सिर्फ सरकारी कामकाज और अनुशासन के साथ किया जाएगा।
