पूर्व DGP एसपी वैद का बड़ा दावा: लद्दाख हिंसा महज़ गुस्सा नहीं, बल्कि राजनीतिक साजिश का नतीजा
लेह |
लद्दाख में हाल ही में भड़की हिंसा पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) एसपी वैद ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि यह अशांति सिर्फ युवाओं की हताशा या भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि इसके पीछे गहरी और सुनियोजित राजनीतिक साजिश है।
चार लोगों की मौत और व्यापक संपत्ति के नुकसान के बीच वैद ने इस पूरी घटना को एक रणनीतिक प्रयास बताया, जिसका उद्देश्य सरकार और स्थानीय नेतृत्व के बीच प्रस्तावित वार्ता को विफल करना था।
सोनम वांगचुक के बयानों पर उठाए सवाल
पूर्व DGP ने प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की टिप्पणियों की भी आलोचना की, जिनमें उन्होंने लद्दाख आंदोलन की तुलना नेपाल और अरब देशों में हुए जेनरेशन Z आंदोलनों से की थी। वैद का मानना है कि इस तरह की तुलना युवाओं को उकसाने वाली है और इससे साफ पता चलता है कि आंदोलन को किस दिशा में मोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा, “वांगचुक जिस तरह से ‘अरब स्प्रिंग’ और नेपाल के आंदोलनों का ज़िक्र कर रहे हैं, उससे साफ लगता है कि यह केवल लोकतांत्रिक मांग नहीं, बल्कि रणनीतिक आंदोलन है जिसमें हिंसा को हथियार बनाया गया है।”
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25 सितंबर की बातचीत से पहले क्यों भड़की हिंसा?
वैद ने खासतौर पर इस बात पर जोर दिया कि 25 सितंबर को भारत सरकार और लद्दाख के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता तय थी, लेकिन हिंसा ठीक एक दिन पहले 24 सितंबर को भड़क उठी।
“हमें यह सोचना होगा कि हिंसा की टाइमिंग कितनी अहम है। जब सरकार बातचीत के लिए तैयार है, तो कुछ ताकतें क्यों चाहती हैं कि हालात बिगड़ें?” वैद ने पूछा।
राजनीतिक दलों की भूमिका पर भी उठाए सवाल
पूर्व DGP ने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस तरह कुछ दलों ने बंद और पथराव का समर्थन किया, वह उनकी नीयत पर सवाल खड़ा करता है।
“ऐसे राजनीतिक दल, जो खुद को जनता का हितैषी बताते हैं, अगर वे हिंसा और अराजकता को समर्थन दे रहे हैं, तो उन्हें जनता के सामने जवाब देना होगा।”
हिंसा की घटनाएं सुनियोजित थीं
वैद ने यह भी कहा कि हिंसा की घटनाएं पूरी तरह से योजनाबद्ध थीं। भाजपा कार्यालय, हिल काउंसिल भवन और सुरक्षा बलों की गाड़ियों को निशाना बनाना इस बात का संकेत है कि यह केवल एक स्वत:स्फूर्त प्रदर्शन नहीं था।
उन्होंने यह भी मांग की कि इस तरह की साजिश रचने वालों के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत मामला दर्ज होना चाहिए और उन्हें कानून के तहत कठोर सजा मिलनी चाहिए।
युवाओं का हो रहा है शोषण
वैद का मानना है कि लद्दाख के युवाओं को आंदोलन के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। वे इसे एक सामाजिक संघर्ष मान रहे हैं, लेकिन असल में वे एक बड़े राजनीतिक खेल का हिस्सा बनते जा रहे हैं।
“युवा सोच रहे हैं कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि उनकी भावनाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर समय रहते सच्चाई सामने नहीं आई, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।”
