बीकानेर: जूनागढ़ किले के सामने जर्जर ऐतिहासिक गेट बना संकट, तीन दिन में मरम्मत का आश्वासन
बीकानेर।
बीकानेर शहर में स्थित ऐतिहासिक जूनागढ़ किले के सामने पब्लिक पार्क का मुख्य गेट लंबे समय से जर्जर हालत में बंद पड़ा है, जिससे आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गेट की खस्ता हालत के चलते वहां बैरिकेड लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया है, लेकिन अब तक इसकी मरम्मत को लेकर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इस गेट को लेकर स्थानीय समाचार पत्रों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई बार आवाज़ उठाई जा चुकी है, लेकिन संबंधित विभागों की चुप्पी लगातार सवाल खड़े कर रही है।
स्थानीय प्रतिनिधियों ने संभाला मोर्चा
इस सार्वजनिक परेशानी को लेकर निवर्तमान पार्षद प्रफुल्ल हाटीला और समाजसेवी मनोज विश्नोई मौके पर पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद अधिकारियों ने तीन दिनों में गेट की मरम्मत करवाने का आश्वासन दिया है।
प्रफुल्ल हाटीला ने स्पष्ट चेतावनी दी कि,
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“अगर तय समय में गेट दुरुस्त नहीं किया गया तो हम यहीं धरना प्रदर्शन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।”
वहीं मनोज विश्नोई ने नाराज़गी जताते हुए कहा,
“लगता है अधिकारी इस गेट के गिरने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इतिहास और विरासत को संरक्षित रखना हमारी ज़िम्मेदारी है।“
आखिर क्यों है यह गेट अहम?
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यह गेट जूनागढ़ किले के ठीक सामने स्थित है, जहां से रोज़ाना सैकड़ों पर्यटक और स्थानीय लोग गुजरते हैं।
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यह रास्ता पब्लिक पार्क से होकर आसपास के कई रिहायशी इलाकों को जोड़ता है।
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पर्यटन की दृष्टि से भी यह स्थान महत्वपूर्ण है, ऐसे में इसका क्षतिग्रस्त रहना प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायतों और कवरेज के बावजूद नगर निगम और संबंधित विभाग कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं।
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क्या कोई बड़ा हादसा होने के बाद ही जागेगा प्रशासन?
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क्या विरासत स्थलों की देखभाल सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है?
अब आगे क्या?
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तीन दिन की डेडलाइन दी गई है गेट की मरम्मत के लिए
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समय पर कार्रवाई नहीं होने पर जन आंदोलन की चेतावनी
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उम्मीद जताई जा रही है कि अब प्रशासन नींद से जागेगा और समय रहते काम पूरा होगा
