GST 2.0 से व्यापारियों को राहत, किसानों में खुशी का माहौल: सुमित गोदारा
बीकानेर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि जीएसटी 2.0 के तहत हुए सुधार भारत को तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। मंत्री बुधवार को जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ उन्होंने लूणकरणसर के बाजारों का दौरा किया, जहां व्यापारियों और उपभोक्ताओं में व्यापक संतोष और उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कहा, “जीएसटी 2.0 से व्यापार आसान हुआ है, वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है और उपभोक्ताओं को राहत मिली है।”
कृषि से जुड़े उत्पादों में सस्ता, किसानों में राहत की भावना
मंत्री गोदारा ने कहा कि जीएसटी में खेती से जुड़ी सामग्री जैसे ट्रैक्टर और उपकरणों पर टैक्स में कटौती से किसानों को सीधा लाभ हुआ है। इससे उत्पादन लागत में कमी आई है और किसानों की खरीद क्षमता बढ़ी है।
“खेती-किसानी के सामान सस्ते होने से किसान प्रसन्न हैं। जनसुनवाई में किसान भी धन्यवाद कहने आ रहे हैं,” – सुमित गोदारा
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जनसुनवाई सुबह 9 से रात 8 बजे तक, समाधान पर जोर
गोदारा ने बताया कि जनसुनवाई कार्यक्रम सुबह 09 बजे शुरू होकर रात 08 बजे तक चला। इस दौरान आमजन ने बिजली, पानी, सड़क, आवासीय भूखंड और अन्य स्थानीय मुद्दों को लेकर शिकायतें दर्ज करवाईं, जिनका समाधान मौके पर संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर किया गया।
नापासर में पानी परियोजना के लिए 27 करोड़ का टेंडर
नापासर से आए राजाराम ओझा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि इलाके में पानी की आपूर्ति से संबंधित 27 करोड़ की योजना का टेंडर हो चुका है और जल्द ही काम शुरू होगा। इसके अलावा, सड़क निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
“पहले जो सड़कें टूटी हुई थीं, उनका निर्माण कार्य अब शुरू हो चुका है।” – राजाराम ओझा
रामसर गांव में हुए विकास कार्यों के लिए जताया आभार
रामसर से आए रामनिवास कस्वां ने मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में गांव की सड़कें, बिजली व्यवस्था, पानी की टंकी और ट्रांसफॉर्मर जैसी मूलभूत सुविधाओं में बड़ा सुधार हुआ है।
उन्होंने बताया कि:
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रामसर से मूंडसर तक बची हुई 3 किमी सड़क की स्वीकृति मिल चुकी है।
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तीन ट्यूबवेल चालू हैं और एक और निर्माणाधीन है।
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पुराने पोल और बिजली के तार बदले जा चुके हैं।
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132 केवी जीएसएस और ट्रांसमिशन लाइन की भी मंजूरी दी जा चुकी है।
