बीकानेर: टोल प्लाजा धरना—पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक समेत 500 से ज़्यादा पर मामला दर्ज
बीकानेर. जसरासर पुलिस थाने में कल एक गंभीर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल, पूर्व विधायक गिरधारी महिया, मंगलाराम गोदरा सहित अन्य कई स्थानीय नेताओं और करीब 500 अन्य व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। मामला उत्तमादेसर टोल प्लाजा पर चल रहे धरने और ensuing हिंसा से जुड़ा है।
क्या है आरोप?
पुलिस के अनुसार, धरने में शामिल इन नेताओं और आम समर्थकों ने राज्य राजमार्ग (State Highway) को बंद कर दिया था और टोल कर्मचारियों के साथ मारपीट की। उनमें ये आरोप शामिल हैं:
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टोल के कैमरे व उपकरणों को तोड़फोड़ करना
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उकसावे देने और प्रदर्शनकारियों को हिंसा करने के लिए प्रेरित करना
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पुलिस द्वारा इनकार करने पर मारने-पीटने की धमकी देना
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सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाना
इन सभी आरोपों के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है और मामले की तफ़्तीश शुरू कर दी है।
मुख्य अभियुक्तों की सूची
पुलिस रिपोर्ट में जिन प्रमुख नामों को लिया गया है, वे इस प्रकार हैं:
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गोविंदराम मेघवाल (पूर्व मंत्री)
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गिरधारी महिया (पूर्व विधायक)
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मंगलाराम गोदरा (पूर्व विधायक)
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रामनिवास कूकणा (कांग्रेस नेता)
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विवेक माचरा (RLP नेता)
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राजेन्द्र मेघवाल
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मगनाराम केड़ली
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आत्माराम (प्रधान प्रतिनिधि)
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निरू
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एवं लगभग 500 अन्य समर्थक
इन सभी पर अलग-अलग आरोपों के तहत तदनुसार धाराएँ लगाई गई हैं और उनकी भूमिका की जांच की जाएगी।
पुलिस की कार्रवाई की स्थिति
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जसरासर थाना प्रभारी रविंद्र ने मामले की रिपोर्ट दर्ज की है।
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फिलहाल गिरफ्तारी की जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन पुलिस आरोपियों की पहचान कर रही है।
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घटनास्थल और धरने के दौरान हुए सीसीटीवी फुटेज, गवाह बयान व现场 मुआयना इस जांच का हिस्सा होंगे।
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आरोपियों पर लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और जिला पुलिस दोनों ही इस मामले को प्राथमिकता से देख रहे हैं।
प्रभाव और चुनौतियाँ
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इस तरह की घटनाएँ लोकतांत्रिक अधिकार और विधि-व्यवस्था के बीच तनाव को दर्शाती हैं।
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जब लोक प्रतिनिधि ही ऐसी आंदोलनों में शामिल हों, तो आम लोगों में कानून व्यवस्था पर अविश्वास फैलने का खतरा रहता है।
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पुलिस और न्यायपालिका पर दबाव बढ़ेगा कि सभी आरोपियों को निष्पक्ष तरीके से आज़माया जाए और दोषी कानून के अनुसार दंडित हों।
