बीकानेर के रानीसर बास में रंगाई का केमिकल युक्त पानी बना जनजीवन के लिए खतरा, लोग बोले- सुनवाई नहीं हो रही
बीकानेर। कादरी कॉलोनी, छोटा रानीसर बास क्षेत्र के लोगों को रंगाई का केमिकल युक्त पानी अब रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बड़ी मुसीबत बनकर घेर चुका है। रंगाई कारखानों से निकलने वाला कलर युक्त पानी कई गलियों से होते हुए एक छोटे से सीवरेज चैंबर में जमा हो रहा है, जिससे आए दिन सीवरेज लाइन ब्लॉक हो जाती है और गंदा पानी गलियों में बहने लगता है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि उन्होंने गंदे पानी की निकासी रोकने के लिए मिट्टी डालकर नालियां बंद की, लेकिन प्रशासन ने नगर निगम के कर्मचारियों के जरिए नालियां फिर से खुलवा दीं। इससे लोगों का जीवन और अधिक कठिन हो गया है।
रोज़ाना चैंबर ब्लॉक, सफाई के लिए देना पड़ता है पैसे
स्थानीय निवासी रेवंतराम ने बताया कि लगभग 50-60 घरों का गंदा पानी तीन नालियों के जरिए एक ही चैंबर में आता है, जो हर दिन जाम हो जाता है। नगर निगम के कर्मचारी चैंबर तो साफ करते हैं, लेकिन नालियों की सफाई से इनकार कर देते हैं। ऐसे में लोगों को मजबूरी में 1000 से 2000 रुपये देकर नालियां साफ करवानी पड़ती हैं।
“हम मजदूर लोग हैं, रोज़-रोज़ इतनी रकम कहां से लाएं? जबकि पानी हमारा नहीं, नुकसान हम भुगत रहे हैं।” – स्थानीय निवासी
- Advertisement -
कलर युक्त पानी से बदबू, बीमारियों का खतरा बढ़ा
लोगों ने बताया कि कलर और केमिकल से युक्त पानी की बदबू से सांस लेने में तकलीफ हो रही है और घरों में सीलन और बदबू फैल गई है। लगातार गंदा पानी जमा रहने से इलाके में मच्छर पनप रहे हैं, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
जनप्रतिनिधि नहीं कर रहे सुनवाई, समाधान की जगह टालमटोल
इलाके के निवासियों का आरोप है कि पार्षद से कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। लोग बताते हैं कि जब नालियां बंद करते हैं, तब पार्षद तुरंत नगर निगम की टीम के साथ मौके पर पहुंच जाते हैं। लेकिन जब घर में पानी भरता है, बदबू और गंदगी से जीना मुश्किल होता है, तब कोई सुनवाई नहीं होती।
“जब तक हम मिट्टी डालकर नालियां बंद नहीं करते, पार्षद आते ही नहीं। समस्या से राहत की बजाय दबाव बनाकर नालियां खुलवा दी जाती हैं।” – पीड़ित निवासी
स्थायी समाधान की मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि:
-
कलर युक्त पानी को मुख्य सीवरेज लाइन से अलग किया जाए।
-
बड़ा चैंबर या नया आउटलेट बनाया जाए, ताकि बार-बार ब्लॉकेज की समस्या खत्म हो।
-
रंगाई इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई हो, जो रिहायशी क्षेत्र में गंदा पानी छोड़ रही हैं।
-
इलाके की सीवर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
