RSS शताब्दी वर्ष की भव्य शुरुआत विजयादशमी से, ‘पंच परिवर्तन’ थीम पर देशभर में होंगे आयोजन
नागपुर, 23 सितंबर 2025 – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) इस वर्ष विजयादशमी के पावन अवसर से अपने शताब्दी वर्ष की शुरुआत करने जा रहा है। संघ की स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी, और अब यह संगठन अपने 100 वर्षों की यात्रा को एक वर्षभर चलने वाले विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से यादगार बनाने की तैयारी में है। इस ऐतिहासिक अवसर की थीम ‘पंच परिवर्तन’ रखी गई है, जिसके अंतर्गत समाज के पांच प्रमुख क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने का लक्ष्य रखा गया है।
नागपुर में 2 अक्टूबर को होगा उद्घाटन समारोह
शताब्दी वर्ष का उद्घाटन समारोह 2 अक्टूबर को नागपुर के रेशीमबाग स्थित हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में पारंपरिक विजयादशमी उत्सव के रूप में आयोजित किया जाएगा। इस भव्य कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे, जबकि सरसंघचालक मोहन भागवत इस अवसर पर मार्गदर्शक भाषण देंगे।
पहली बार नागपुर में होंगे तीन विशाल पथसंचलन
इस बार कार्यक्रम की भव्यता को और बढ़ाते हुए 27 सितंबर को नागपुर में पहली बार तीन पथसंचलनों का आयोजन किया जा रहा है। ये जुलूस शाम 7 बजे कस्तूरचंद पार्क, यशवंत स्टेडियम और अमरावती रोड स्थित हॉकी ग्राउंड से प्रारंभ होंगे और सीताबुल्दी के गांधी प्रतिमा पर 7:45 बजे संगम करेंगे। वहां सरसंघचालक इन पथसंचलनों की समीक्षा करेंगे।
पंच परिवर्तन: समाजिक बदलाव की पांच दिशाएं
संघ का शताब्दी वर्ष ‘पंच परिवर्तन’ के संदेश के साथ समाज में व्यापक सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से मनाया जाएगा। इस थीम के अंतर्गत पांच प्रमुख क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं:
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पर्यावरण संरक्षण – प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने हेतु वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता अभियान।
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सामाजिक समरसता – समाज के सभी वर्गों के बीच सद्भाव और सहयोग को बढ़ावा देना।
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आत्मनिर्भरता – युवाओं और समाज को स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में प्रेरित करना।
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परिवार सशक्तीकरण – पारिवारिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करना और परिवार को सामाजिक विकास की इकाई बनाना।
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नागरिक उत्तरदायित्व – संविधान, कर्तव्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
100 वर्षों की प्रेरणादायक यात्रा
1925 में जब संघ की स्थापना हुई थी, तब इसके साथ केवल 17 स्वयंसेवक जुड़े थे। आज यह संगठन 83,000 से अधिक शाखाओं के साथ देश के कोने-कोने तक विस्तार पा चुका है। RSS का यह शताब्दी वर्ष केवल एक संगठन का उत्सव नहीं है, बल्कि एक ऐसे आंदोलन की प्रेरणादायक गाथा है जिसने भारतीय समाज में राष्ट्रीय चेतना, अनुशासन और सेवाभाव को पुनर्जीवित किया।
राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनने का आह्वान
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, विदर्भ प्रांत संघचालक दीपक तामशेट्टीवार और नागपुर महानगर संघचालक राजेश लोया ने प्रेसवार्ता में बताया कि यह शताब्दी वर्ष केवल संघ के स्वयंसेवकों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक नई सोच, नई दिशा का प्रतीक होगा। यह आयोजन उपनिवेशी मानसिकता से मुक्ति, संवेदनशील समाज के निर्माण और राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रेरित है।
देशभर में होंगे विविध सामाजिक कार्यक्रम
शताब्दी वर्ष के अंतर्गत अगले 12 महीनों तक देशभर में सामाजिक समरसता, सेवा कार्यों, संगोष्ठियों, पर्यावरण जागरूकता अभियानों, स्वास्थ्य शिविरों, और शिक्षा से जुड़ी पहलुओं पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज के हर वर्ग को जोड़कर राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को गति देना है।
