बीकानेर सेंट्रल जेल में फिर पकड़ा गया मोबाइल, सुरक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
बीकानेर, 23 सितंबर 2025 — बीकानेर की केन्द्रीय कारागृह में एक बार फिर मोबाइल फोन मिलने का मामला सामने आया है, जिससे जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
हाल ही में जेल परिसर में एक एंड्रॉयड मोबाइल फोन सिम कार्ड सहित मिलने के बाद जेल प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। यह घटना बीछवाल थाना क्षेत्र की है।
कैसे हुआ खुलासा?
केन्द्रीय कारागृह में नियमित तलाशी अभियान के दौरान जेल प्रहरी सुंदरलाल को एक कचौड़ा कंपनी का मोबाइल फोन और सिम कार्ड बंदी के कब्जे में मिला।
इस मामले में बंदी अंकित पंडित उर्फ धमाका पुत्र ओमप्रकाश निवासी हरियाणा के खिलाफ बीछवाल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
- Advertisement -
किस अधिनियम के तहत दर्ज हुआ मामला?
इस पूरी घटना को लेकर जेल प्रहरी की ओर से राजस्थान कारागार (संशोधन) अधिनियम की धारा 42 के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
जांच अधिकारी एसआई मंजीत कौर इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही हैं। अब यह पता लगाया जा रहा है कि मोबाइल जेल के अंदर कैसे पहुंचा और इसका उपयोग किस उद्देश्य से किया जा रहा था।
लगातार हो रही चूकें, सवालों के घेरे में जेल प्रशासन
गौरतलब है कि बीकानेर सेंट्रल जेल में यह पहली बार नहीं है जब मोबाइल फोन बरामद हुआ हो। बीते कुछ महीनों में भी जेल के अंदर मोबाइल, सिम और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं मिलने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
इन घटनाओं ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक निगरानी पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
सवाल जो उठ रहे हैं:
-
क्या जेल के अंदर स्टाफ की मिलीभगत से पहुंच रहा है मोबाइल?
-
बंदियों के पास मोबाइल पहुंचने की लगातार हो रही घटनाओं पर अब तक क्या कार्रवाई हुई?
-
तकनीकी निगरानी और सघन तलाशी के बावजूद आखिर ऐसी घटनाएं क्यों नहीं रुक रहीं?
क्या हो सकती है कार्रवाई?
यदि जांच में पुष्टि होती है कि बंदी द्वारा मोबाइल का इस्तेमाल किसी गैरकानूनी गतिविधि में किया जा रहा था, तो मामला और भी गंभीर हो सकता है। इससे बंदी की सजा में बढ़ोतरी और संबंधित जेलकर्मियों पर भी कार्रवाई संभव है।
