बीकानेर में ईडी का बड़ा एक्शन: हथियार तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में छापेमारी
बीते कुछ दिनों से बीकानेर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने शहर में हलचल मचा रखी थी। लगातार हो रही रेड्स के बाद अलग-अलग प्रकार के कयास और अफवाहें सोशल मीडिया व स्थानीय स्तर पर फैल रही थीं। इन अटकलों पर अब ईडी की ओर से जारी की गई आधिकारिक जानकारी के बाद विराम लग गया है।
ईडी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए बताया कि,
“ईडी, जयपुर द्वारा बीकानेर में अवैध हथियारों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरा उत्पन्न करने वाली गतिविधियों में संलिप्तता के मामलों की जांच के तहत PM-LA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।”
ईडी, जयपुर ने अवैध धर्मांतरण, हथियारों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में संलिप्तता से संबंधित मामले में पीएमएलए, 2002 के तहत बीकानेर, राजस्थान में मोहम्मद सादिक खान और उनके करीबी सहयोगियों से संबंधित 4 स्थानों पर 17/9/2025 को तलाशी…
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— ED (@dir_ed) September 22, 2025
17 सितंबर को चार जगहों पर मारी गई छापे
ईडी के अनुसार, 17 सितंबर 2025 को बीकानेर में चार स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया था। इस दौरान एजेंसी को कई संवेदनशील दस्तावेज, संदिग्ध डिजिटल डेटा और अन्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़े अहम सुराग मिले हैं, जिन्हें जब्त किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा – छह ठिकानों पर हुई थी रेड
जहां ईडी ने चार स्थानों पर तलाशी अभियान चलाने की पुष्टि की है, वहीं स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के अनुसार, यह आंकड़ा छह तक बताया गया था। हालांकि, ईडी ने आधिकारिक रूप से केवल चार ठिकानों पर छापे की बात कही है, जिससे यह साफ होता है कि सभी सूचनाओं की पुष्टि ईडी से किए बिना फैल रही अफवाहों पर भरोसा करना सही नहीं होगा।
मामला क्यों है गंभीर?
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मामला सिर्फ अवैध गतिविधियों तक सीमित नहीं है,
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बल्कि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाली संभावित गतिविधियों की आशंका भी जताई गई है।
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ईडी का यह कदम फंडिंग नेटवर्क और हथियारों की तस्करी से जुड़ी लॉन्ड्रिंग को ट्रैक करने की दिशा में उठाया गया है।
आगे क्या?
ईडी की कार्रवाई अभी शुरुआती चरण में है। एजेंसी द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की गहन जांच की जाएगी, जिसके आधार पर आगे की गिरफ्तारियां या पूछताछ संभव है। सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों के यहां छापेमारी हुई है, उनमें से कुछ पर पहले से राज्य और केंद्र एजेंसियों की निगरानी थी।