जयपुर, 22 सितंबर 2025:
राजस्थान रोडवेज ने अपने बढ़ते घाटे पर लगाम लगाने के लिए परिचालकों पर एक नई और सख्त नीति लागू कर दी है। इस नियम के तहत अब किसी भी परिचालक को तब तक वेतन नहीं दिया जाएगा, जब तक वह हर महीने कम से कम 3000 किलोमीटर बस नहीं चलाता। यह निर्णय रोडवेज की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए लिया गया है।
क्या है नया नियम?
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हर परिचालक को हर माह कम से कम 3000 किमी निर्धारित रूट पर बस चलानी होगी। 
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यदि कोई परिचालक यह लक्ष्य पूरा नहीं करता, तो उसका वेतन अस्थायी रूप से रोका जा सकता है। - Advertisement -
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यह नियम सभी डिपो पर एकसमान रूप से लागू होगा। 
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मेडिकल अनफिट कर्मचारियों को इस नियम से छूट दी गई है। 
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जो चालक या परिचालक ऑफिस ड्यूटी में हैं, उन पर भी यह नियम प्रभावी रहेगा। 
नियम के पीछे की वजह
राजस्थान रोडवेज लंबे समय से घाटे में चल रही है।
डिपो स्तर पर लगातार शिकायतें आ रही थीं कि कई परिचालक:
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तय रूट पूरे नहीं कर रहे। 
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केवल कुछ किलोमीटर ही ड्यूटी निभा रहे। 
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एवजी (अस्थायी) कर्मचारियों को रूट पर भेज रहे हैं। 
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बिना ठोस कारण कार्यालय में पदस्थ रह रहे हैं। 
इससे ना सिर्फ डिपो का आवश्यक किलोमीटर लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा, बल्कि अन्य कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्यभार भी बढ़ता जा रहा है।
क्या मिलेगा फायदा?
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परिचालकों की जवाबदेही तय होगी। 
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यात्रियों को समय पर और नियमित सेवा मिलेगी। 
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ग्रामीण इलाकों तक नियमित बस सेवा पहुंचेगी। 
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निगम की आय में सीधा इज़ाफा होगा। 
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डिपो में कार्य का समान वितरण होगा। 
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छुट्टियों के वितरण में आसानी होगी। 
ग्रामीण यात्रियों को सीधा लाभ
इस नियम से ग्रामीण क्षेत्रों के यात्रियों को भी राहत मिलने वाली है।
अब चालक और परिचालक ड्यूटी से बच नहीं पाएंगे, जिससे गांवों और ढाणियों में भी बस सेवाएं नियमित होंगी। पहले कई बार देखा गया कि कुछ रूट अधूरे छोड़ दिए जाते थे, जिससे यात्रियों को परेशानी होती थी और निगम को राजस्व का नुकसान झेलना पड़ता था।
बूंदी डिपो की स्थिति (Fact File)
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चालक: 64 
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परिचालक: 42 
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प्रतिदिन आय: ₹6 से ₹7 लाख 
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प्रतिदिन किलोमीटर: 20,000 किमी 
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सिविल डिफेंस: 26 
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बस सारथी: 13 
प्रबंधन की प्रतिक्रिया
घनश्याम गौड़, मुख्य प्रबंधक, रोडवेज डिपो बूंदी ने बताया:
“परिचालकों का वेतन अब तभी बनेगा, जब वह तय रूट पर 3000 किमी चलेंगे। यह फैसला मनमानी पर रोक लगाने और संचालन किलोमीटर बढ़ाने के लिए लिया गया है। इससे रोडवेज की आय में सुधार होगा और यात्रियों को भी बेहतर सेवाएं मिलेंगी।”
 
             
             
        
 
         
         
         
         
         
         
         
        