बीकानेर, राजस्थान —
प्रदेश में मिलावटखोरी पर नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे “शुद्ध आहार–मिलावट पर वार” अभियान के तहत रविवार को बीकानेर के बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र में एक खाद्य उत्पादन इकाई पर निरीक्षण एवं सैंपलिंग की कार्रवाई की गई।
इस विशेष कार्रवाई का नेतृत्व अभिहित अधिकारी एवं मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. पुखराज साध के निर्देशन में किया गया। टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रवण कुमार वर्मा, सुरेंद्र कुमार और भानु प्रताप सिंह शामिल थे।
निरीक्षण में मिली खामियां
कार्रवाई के दौरान मैसर्स उद्योग मंदिर नामक फर्म का गहन निरीक्षण किया गया, जहां तेल उत्पादन क्षेत्र में कई स्वच्छता संबंधी लापरवाहियां सामने आईं:
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दीवारों पर धूल व जाले लगे पाए गए।
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कई स्थानों पर तेल का रिसाव हो रहा था।
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उपकरणों पर चिकनाई व गंदगी की मोटी परत जमी हुई थी।
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उत्पादन क्षेत्र में पक्षियों को रोकने के लिए आवश्यक कर्टेन नहीं लगे थे।
इन खामियों के लिए तुरंत सुधार के निर्देश दिए गए और साफ-सफाई सुनिश्चित करने की सख्त हिदायत दी गई।
तेल के सैंपल लिए गए, स्टॉक सीज
निरीक्षण के दौरान तीन प्रकार के तेलों के नमूने लिए गए:
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रिफाइंड कॉटनसीड ऑयल
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फिल्टर्ड ग्राउंडनट ऑयल
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रिफाइंड ग्राउंडनट ऑयल
नमूनों की जांच के लिए इन्हें जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला भेजा गया है। रिपोर्ट आने तक कुल 1950 किलोग्राम तेल को सीज कर दिया गया है।
रिपोर्ट मिलने के बाद खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य स्तर पर सख्ती
यह कार्रवाई राज्य के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्त के निर्देशों के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य खाद्य उत्पादों में मिलावट पर लगाम लगाना और आम उपभोक्ताओं को शुद्ध व सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है।
बीकानेर में इससे पहले भी मिलावटी खाद्य सामग्री को लेकर कई बार कार्रवाई हो चुकी है, और यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
