बीकानेर, 22 सितंबर 2025:
बीकानेर के ग्रामीण अंचल में टोल नाकों से टोल मुक्ति को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार तेज़ होता जा रहा है। ठुकरियास टोल चौकी पर पूर्व में जारी आंदोलन सरकार से सहमति मिलने के बाद समाप्त हो गया, लेकिन उत्तमादेसर टोल नाके पर ग्रामीणों का विरोध आज भी जारी है। यह आंदोलन लगातार 11वें दिन भी जारी है और आज दोपहर को विशाल जन प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
15 गांवों के लोग टोल से परेशान, मांग है स्थायी टोल छूट की
प्रधान प्रतिनिधि आत्माराम तर्ड ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तमादेसर टोल नाके के पास करीब 15 गांवों के निवासी रोज़मर्रा की आवाजाही में टोल देने को मजबूर हैं। ग्रामीणों की मांग है कि स्थानीय वाहनों को टोल से पूर्णतः छूट दी जाए, क्योंकि यह आमजन पर आर्थिक बोझ बन चुका है।
उन्होंने बताया कि मगनाराम केड़ली, आत्माराम तर्ड और अन्य कई जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में ग्रामीण टोल नाके पर लगातार डटे हुए हैं, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर प्रशासन या कंपनी की ओर से कोई सकारात्मक संवाद नहीं हुआ है।
आज होगा बड़ा प्रदर्शन, आंदोलन को मिलेगा और विस्तार
आत्माराम तर्ड ने बताया कि 22 सितंबर को दोपहर में एक विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसमें आसपास के सभी प्रभावित गांवों से लोग भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यदि अब भी सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन को और अधिक व्यापक रूप दिया जाएगा।
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टोल कंपनियों पर स्थानीय लोगों की अनदेखी का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि टोल सड़क परियोजनाओं के नाम पर स्थानीय जनता से जबरन वसूली की जा रही है, जबकि सड़कें पहले से मौजूद थीं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि टोल कंपनी द्वारा स्थानीय रियायतों के नियमों की खुलकर अवहेलना की जा रही है।
इससे पहले ठुकरियास में मिली थी सफलता
इससे पहले ठुकरियास टोल नाके पर भी इसी तरह का विरोध आंदोलन चलाया गया था, जहां जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच बातचीत के बाद सहमति बनी और स्थानीय वाहनों को टोल छूट दी गई। उसी तर्ज पर उत्तमादेसर के लोग भी अब साफ और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन की चुप्पी बनी चिंता का विषय
अब तक स्थानीय प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई ठोस पहल या आश्वासन नहीं दिया गया, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी और असंतोष लगातार बढ़ रहा है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो नेशनल हाईवे पर जाम और भूख हड़ताल जैसे कदम उठाए जाएंगे।
