नई दिल्ली, 21 सितंबर 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के नाम संबोधन में ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की घोषणा करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। पीएम मोदी ने नवरात्रि के पहले दिन से इस महाअभियान की शुरुआत की घोषणा की, जो नए जीएसटी सुधारों के साथ शुरू होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उत्सव केवल कर प्रणाली में बदलाव नहीं, बल्कि आम आदमी की जेब में राहत और देश की आर्थिक गति को नया आयाम देने वाला कदम है।
कल से शुरू होगा ‘जीएसटी बचत उत्सव’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि 99% उपभोक्ता वस्तुएं अब केवल 5% जीएसटी स्लैब में आ चुकी हैं, जिससे समाज के हर वर्ग को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा,
“कल सूर्योदय से एक नई कर व्यवस्था लागू हो रही है, जो न केवल व्यापार को आसान बनाएगी, बल्कि उपभोक्ताओं को अधिक बचत का लाभ भी देगी।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के माध्यम से आम नागरिक अपनी पसंदीदा वस्तुएं सस्ती दरों पर खरीद पाएंगे और इससे हर भारतीय परिवार की खुशियों में इज़ाफा होगा।
राज्य सरकारों को किया ‘स्वदेशी आंदोलन’ में भागीदार बनने का आग्रह
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सभी राज्य सरकारों से ‘स्वदेशी आंदोलन’ में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केवल केंद्र सरकार के प्रयास काफी नहीं, राज्यों को भी समान रूप से योगदान देना होगा।
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पुरानी कर व्यवस्था का किया उल्लेख
पीएम मोदी ने जीएसटी से पहले की जटिल कर व्यवस्था को याद करते हुए कहा कि भारत दशकों से दर्जनों प्रकार के टैक्स जैसे ऑक्ट्रॉय, वैट, उत्पाद शुल्क, सेवा कर आदि के जाल में उलझा हुआ था। उन्होंने एक विदेशी समाचार पत्र का हवाला देते हुए बताया कि
“2014 में एक विदेशी कंपनी ने कहा था कि बेंगलुरु से हैदराबाद सामान भेजने से बेहतर है कि पहले यूरोप भेजा जाए और फिर वहां से हैदराबाद।”
उन्होंने इसे कर व्यवस्था की विफलता करार देते हुए कहा कि उस समय व्यापारियों को हर राज्य की सीमा पर घंटों रुकना पड़ता था, जिससे उत्पादों की लागत और ग्राहकों पर आर्थिक बोझ बढ़ता था।
‘नागरिक देवो भव’ का मंत्र और 2.5 लाख करोड़ की बचत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के अंत में ‘नागरिक देवो भव’ का मंत्र देते हुए कहा कि सरकार द्वारा जीएसटी और आयकर में की गई कटौतियों से देश के नागरिकों को 2.5 लाख करोड़ रुपये की सीधी बचत हुई है। उन्होंने बताया कि इसका सबसे अधिक लाभ गरीब और नव-मध्यम वर्ग को मिला है।
व्यापार, निवेश और विकास को मिलेगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों से व्यापार करना आसान होगा, निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और प्रत्येक राज्य भारत की विकास यात्रा में बराबरी का भागीदार बन पाएगा। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दें और ‘बचत उत्सव’ का लाभ उठाएं।
