पुलिस थानों में CCTV कैमरे अब रहेंगे लगातार चालू, रिकॉर्डिंग की निगरानी का जिम्मा SHO पर
राजस्थान में अब सभी पुलिस थानों के CCTV कैमरे 24 घंटे चालू रखना अनिवार्य होगा। साथ ही, रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी संबंधित थाना प्रभारी (SHO) की होगी। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश और अतीत में हुई लापरवाहियों के मद्देनज़र लिया गया है, जब थानों में लगे कैमरे खराब होने के कारण कई मामलों की रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं हो सकी थी।
CCTV बंद मिले तो SHO पर कार्रवाई संभव
प्रदेश सरकार के आदेशानुसार, अब थानों में लगे कैमरे किसी भी सूरत में बंद नहीं रहेंगे। SHO को रोज़ाना यह सुनिश्चित करना होगा कि कैमरे चालू हैं और रिकॉर्डिंग हो रही है। इसकी एंट्री प्रतिदिन रोजनामचे में दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर कैमरे में कोई खराबी आती है, तो SHO को तत्काल स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, जयपुर को इसकी सूचना देनी होगी।
हर महीने होगी रिकॉर्डिंग की जांच
सिर्फ कैमरे चालू रखना ही नहीं, बल्कि उनकी रिकॉर्डिंग की नियमित समीक्षा भी आवश्यक है। सर्किल ऑफिसर (CO) को हर महीने के पहले सप्ताह में CCTV रिकॉर्डिंग की जांच करनी होगी कि कहीं थाने में किसी नागरिक के साथ उत्पीड़न या दुर्व्यवहार तो नहीं हुआ। इसके लिए अलग से रजिस्टर में विवरण दर्ज करना अनिवार्य होगा।
DG स्तर से मिली सख्त हिदायत
सिविल राइट्स एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग महानिदेशक मालिनी अग्रवाल ने सभी ज़िला पुलिस अधीक्षकों (SPs) को निर्देश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि थानों के कैमरे चालू हों और उनकी फुटेज स्पष्ट मिले। कैमरे खराब मिलते हैं तो उसकी जवाबदेही तय की जाएगी।
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किन स्थानों पर CCTV अनिवार्य?
सभी पुलिस थानों में निम्न स्थानों पर CCTV की कवरिंग अनिवार्य की गई है:
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मुख्य द्वार
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सभी प्रवेश और निकासी द्वार
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लॉकअप
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गलियारे
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लॉबी
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स्वागत कक्ष
इन स्थानों की फुटेज स्पष्ट और निरंतर रिकॉर्ड होनी चाहिए ताकि किसी भी अप्रिय घटना या नागरिक उत्पीड़न की स्थिति में ठोस साक्ष्य उपलब्ध हो सकें।
क्यों जरूरी हुआ यह निर्णय?
पिछले कुछ वर्षों में पुलिस थानों में आमजन के साथ बदसलूकी या प्रताड़ना की शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं। जब जांच के लिए CCTV फुटेज मांगी जाती थी, तब कई बार जवाब मिलता कि “कैमरा खराब था” या “रिकॉर्डिंग नहीं हुई”। ऐसे में न्यायिक प्रक्रिया में बाधा आती थी। अब इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित होगी।