राजस्थान में नहीं होंगे दिसंबर में निकाय चुनाव, ओबीसी आयोग की प्रक्रिया बनी वजह
जयपुर।
राजस्थान में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के चुनाव को लेकर लंबे समय से इंतजार कर रहे मतदाताओं को अब और इंतजार करना होगा। सरकार की ओर से अब साफ संकेत मिल रहे हैं कि दिसंबर 2025 में नगरीय निकाय चुनाव कराना संभव नहीं है। मुख्य कारणों में चुनाव आयोग की तैयारियां, ओबीसी आरक्षण प्रक्रिया और तकनीकी-प्रशासनिक चुनौतियां शामिल हैं।
मंत्री ने दिए संकेत: दिसंबर तक नहीं हो पाएंगे चुनाव
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने हाल ही में दिए बयान में कहा कि,
“चुनाव आयोग और ओबीसी आयोग की प्रक्रिया दिसंबर के पहले सप्ताह तक ही पूरी हो पाएगी। इसके बाद आरक्षण प्रक्रिया में और समय लगेगा। ऐसे में तकनीकी रूप से दिसंबर में चुनाव संभव नहीं हैं।”
गौरतलब है कि इससे पहले मंत्री खर्रा दिसंबर तक चुनाव कराने की बात दोहराते रहे थे, लेकिन अब उन्होंने पहली बार सार्वजनिक मंच से समयसीमा को लेकर स्पष्ट संकेत दिए हैं।
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ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के बाद ही आरक्षण की प्रक्रिया
निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए ओबीसी आयोग को जरूरी डेटा संग्रहण का कार्य सौंपा गया है।
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आयोग की रिपोर्ट दिसंबर के पहले सप्ताह तक आने की संभावना है।
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इसके बाद निकायों में आरक्षण तय करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
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फिर लॉटरी के जरिए वार्डवार आरक्षण सूची जारी की जाएगी।
यह पूरी प्रक्रिया न्यूनतम एक से डेढ़ महीने का समय ले सकती है। ऐसे में दिसंबर के भीतर चुनाव कराना वास्तविकता से परे नजर आ रहा है।
309 नगरीय निकायों में होंगे चुनाव
राज्य में इस बार 309 नगरीय निकायों में चुनाव होने हैं, जिनमें शामिल हैं:
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नगर निगम
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नगर परिषद
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नगर पालिकाएं
इन सभी में अध्यक्ष और पार्षद पदों के लिए आमजन अपने जनप्रतिनिधि चुनेंगे। लेकिन जब तक आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, चुनाव की तारीखें तय नहीं की जा सकतीं।
10 नवंबर तक तैयार होगी मतदाता सूची
चुनाव की एक और अहम कड़ी मतदाता सूची की तैयार है।
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10 नवंबर 2025 तक मतदाता सूची का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
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इस प्रक्रिया के बाद ही नामांकन, प्रचार, मतदान और मतगणना की योजना बनाई जा सकेगी।
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पूरी चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए कम से कम 30 से 40 दिन का समय और चाहिए।