AI गेम के नाम पर खतरा: नैनो बनाना ट्रेंड से आपकी निजता हो सकती है हैकर्स के हवाले
जयपुर: सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे ‘नैनो बनाना गेम’ और इसके जैसे अन्य एआई-आधारित थ्रीडी इमेज टूल्स के जरिए साइबर खतरे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भारत की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी (CERT-In) ने इस ट्रेंड को लेकर सख्त चेतावनी जारी की है। एजेंसी का कहना है कि ये AI टूल्स यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी को चोरी करने का जरिया बन सकते हैं।
क्या है ‘नैनो बनाना गेम’?
‘नैनो बनाना’ एक AI-आधारित टूल है, जो Google Gemini 2.5 Flash Image प्लेटफॉर्म का उपयोग करके किसी भी सामान्य फोटो को कुछ ही सेकंड में 3D मिनिएचर अवतार में बदल देता है। यूजर्स केवल एक सेल्फी या फोटो अपलोड करते हैं और उन्हें एक कार्टून जैसी थ्रीडी इमेज मिल जाती है, जिसे वे सोशल मीडिया पर साझा करते हैं।
कम समय, ज्यादा आकर्षण और तकनीकी ज्ञान की कोई जरूरत नहीं — यही वजह है कि यह टूल युवाओं के बीच जबरदस्त लोकप्रिय हो गया है।
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कैसे बन रहा है ये गेम खतरा?
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब कोई यूजर अपनी तस्वीर इस तरह के AI टूल में अपलोड करता है, तो वह अनजाने में अपने चेहरे की बायोमेट्रिक जानकारी, लोकेशन, डिवाइस डिटेल और अन्य मेटाडेटा प्लेटफॉर्म के साथ साझा कर देता है।
गजेंद्र शर्मा, साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ के अनुसार,
“इन 3D फिगरिन्स का दुरुपयोग न सिर्फ फर्जी प्रोफाइल्स बनाने में हो सकता है, बल्कि यह मिसइन्फॉर्मेशन और डीपफेक जैसी तकनीकों के लिए भी आधार बन सकता है।”
CERT-In की चेतावनी में क्या कहा गया है?
भारत सरकार की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि:
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कई AI एप्लिकेशन फर्जी हो सकते हैं, जो मालवेयर से भरे होते हैं।
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यूजर द्वारा फोटो अपलोड करने पर उनका डिवाइस संक्रमित हो सकता है।
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यह ट्रेंड साइबर हमलावरों के लिए डेटा चोरी का नया जरिया बन गया है।
यूजर्स के लिए जरूरी सावधानियां
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गुमनाम अकाउंट से लॉगिन करें: AI गेम्स में साइनअप करते वक्त अपनी असली पहचान न दें।
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व्यक्तिगत जानकारी न दें: नाम, फोन नंबर, ईमेल, लोकेशन जैसी जानकारी साझा करने से बचें।
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हाई-क्वालिटी सेल्फी शेयर न करें: सोशल मीडिया पर चेहरे की स्पष्ट तस्वीरें अपलोड करने से बचें।
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बच्चों पर रखें निगरानी: माता-पिता को बच्चों के मोबाइल और सोशल मीडिया एक्टिविटी पर निगाह रखनी चाहिए।
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एप्स की वैधता जांचें: किसी भी AI एप को इंस्टॉल करने से पहले उसके रिव्यू, परमिशन और सोर्स की जांच करें।
क्या खतरे हैं भविष्य में?
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डीपफेक तकनीक का दुरुपयोग: अपलोड की गई तस्वीरों से फर्जी वीडियो तैयार किए जा सकते हैं।
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फेक प्रोफाइल बनाकर ब्लैकमेलिंग: किसी की पहचान चुराकर सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाए जा सकते हैं।
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डेटा बेचने का खतरा: कुछ AI टूल्स यूजर डेटा को तीसरे पक्ष को बेच सकते हैं, जिससे निजता पूरी तरह खत्म हो जाती है।
निष्कर्ष: डिजिटल सुरक्षा में लापरवाही नहीं चलेगी
AI की दुनिया में जहां सुविधाएं बढ़ रही हैं, वहीं खतरे भी कई गुना तेज़ी से सामने आ रहे हैं। ‘नैनो बनाना गेम’ जैसे टूल्स का उपयोग करते समय सोच-समझकर और सावधानीपूर्वक कदम उठाना जरूरी है। यह मनोरंजन का साधन हो सकता है, लेकिन आपके चेहरे और पहचान के साथ किसी साइबर अपराध की शुरुआत भी बन सकता है।