बीकानेर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए गंगाशहर थाने में तैनात एएसआई अरुण मिश्रा को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। एएसआई पर आरोप है कि उसने एक व्यक्ति से ‘परिवाद’ के नाम पर यह राशि मांगी थी, लेकिन जांच में चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि संबंधित परिवाद का कोई रिकॉर्ड ही मौजूद नहीं है।
एसीबी के अनुसार, आरोपी एएसआई ने शिकायतकर्ता गौरीशंकर से पैसे की मांग यह कहते हुए की थी कि उनके खिलाफ एक शिकायत लंबित है। जब शिकायतकर्ता ने दबाव महसूस किया, तो उसने ACB को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद टीम ने जाल बिछाकर एएसआई को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
हालांकि अब जांच में यह बात सामने आ रही है कि जिस शिकायत का हवाला देकर पैसों की मांग की गई थी, वह शिकायत असल में कभी दर्ज ही नहीं हुई। न तो पुलिस रिकॉर्ड में ऐसा कोई परिवाद पाया गया है और न ही कोई आधिकारिक दस्तावेज ACB को सौंपा गया है।
इससे यह संदेह गहराता जा रहा है कि एएसआई अरुण मिश्रा ने बिना किसी ठोस आधार के खुद से रिश्वत की योजना बनाई और शिकायतकर्ता को भ्रमित कर दबाव बनाया। ACB इस बात की जांच में जुटी है कि आखिर एएसआई को शिकायतकर्ता के बारे में जानकारी कैसे मिली और दोनों के बीच कथित लेनदेन की बात किस तरह सामने आई।
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इस मामले में आरोपी एएसआई को फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है और ACB द्वारा विभागीय रिकॉर्ड, कॉल डिटेल्स व अन्य तकनीकी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है।
यह घटना न केवल पुलिस महकमे की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि यह भी दर्शा रही है कि भ्रष्टाचार किस हद तक जड़ें जमा चुका है। बिना किसी शिकायत के रिश्वत मांगना एक गंभीर मामला है, जिससे जुड़े हर पहलू की निष्पक्ष जांच अब जरूरी हो गई है।