बीकानेर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की स्पेशल यूनिट ने बीकानेर के गंगाशहर पुलिस थाने में तैनात एएसआई अरुण मिश्रा को 10,000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। हालांकि, जिस मामले में एएसआई पर रिश्वत मांगने का आरोप था, वह कोई आधिकारिक शिकायत या परिवाद पुलिस थाने में दर्ज नहीं था। एसीबी को भी एएसआई के पास कोई परिवाद नहीं मिला।
एसीबी को गौरीशंकर सोनी की शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि एएसआई अरुण मिश्रा ने फोन पर बताया कि उनके खिलाफ मारपीट का मामला है, जिसमें मनोज सोनी पक्षधर है। जब गौरीशंकर ने एएसआई से संपर्क किया तो उसने इस मामले में मदद के नाम पर 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी। शिकायत मिलने पर एसीबी ने 9 सितंबर को जांच की, जिसमें पुष्टि हुई कि एएसआई ने 10,000 रुपये की मांग की थी।
गुरुवार को शाम को एएसआई को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गौरीशंकर के खिलाफ थाने में कोई आधिकारिक मामला दर्ज नहीं है और एसीबी को भी एएसआई से संबंधित कोई शिकायत नहीं मिली। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एएसआई को गौरीशंकर और मनोज सोनी के बीच निजी विवाद की जानकारी थी और उसने रिश्वत के लिए परिवाद दर्ज कराने की धमकी दी।
साथ ही, एएसआई और गौरीशंकर के बीच पूर्व से परिचय भी बताया जा रहा है, जिससे इस पूरे मामले में व्यक्तिगत स्तर पर निपटान का प्रयास नजर आता है। पुलिस और एसीबी दोनों इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं ताकि दोषी पर उचित कार्रवाई की जा सके।