बीकानेर में सेना की वर्दी का कपड़ा बेचने पर बड़ी कार्रवाई, खुफिया एजेंसियों ने मारी रेड
बीकानेर | सीमावर्ती जिला होने के कारण बीकानेर राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से हमेशा संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है। इसी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए बीते कुछ दिनों से मिलिट्री इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों की नजर शहर में चल रही संदिग्ध गतिविधियों पर बनी हुई थी।
इसी कड़ी में खुफिया इनपुट के आधार पर आज एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया, जिसमें कोटगेट थाना पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस की संयुक्त टीम ने शहर के मुख्य बाजारों में औचक छापेमारी की।
छापेमारी में मिला सेना की वर्दी का भारी मात्रा में कपड़ा
कार्रवाई कोटगेट थाना क्षेत्र के मुख्य कोटगेट मार्केट और सुभाष मार्ग पर की गई, जहां कुछ दुकानों में भारतीय सेना की वर्दी जैसा कपड़ा खुलेआम बिकता मिला। एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन दुकानों से भारी मात्रा में यह कपड़ा जब्त किया।
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पूरे ऑपरेशन की वीडियोग्राफी कराई गई ताकि जांच में किसी भी तरह की कानूनी खामी न रहे और सबूत पुख्ता रहें।
सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानी जाती है वर्दी की अवैध बिक्री
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, बिना अधिकृत अनुमति के सेना की वर्दी जैसा कपड़ा बेचना न केवल केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का उल्लंघन है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बन सकता है।
सेना की वर्दी का प्रयोग केवल अधिकृत और निगरानी में रहने वाले स्त्रोतों के माध्यम से ही किया जा सकता है। वर्दी जैसा कपड़ा खुले बाजार में मिलने से आतंकी, देश विरोधी या असामाजिक तत्वों को इसका फायदा मिल सकता है। ऐसे लोग सेना का भेष धारण कर घुसपैठ, आतंकी हमले या सार्वजनिक स्थानों पर तोड़फोड़ कर सकते हैं।
लगातार जांच में जुटी हैं एजेंसियां
इस कार्रवाई के बाद खुफिया एजेंसियों ने इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिए जांच तेज कर दी है। इस बात की पड़ताल की जा रही है कि यह कपड़ा कहां से आया, किसके निर्देश पर बेचा जा रहा था और इससे जुड़े लोग किस स्तर तक संगठित हैं।
संभावना है कि आगे भी बीकानेर और आसपास के इलाकों में ऐसे ही छापे मारे जाएं, ताकि सेना की वर्दी के दुरुपयोग को जड़ से समाप्त किया जा सके।