बीकानेर में घटिया खाद्य पदार्थ बेचने वाली फर्मों पर बड़ी कार्रवाई, एडीएम ने लगाए 10.75 लाख के जुर्माने
बीकानेर। खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने वाली फूड प्रोसेसिंग और डेयरी यूनिट्स पर एडीएम प्रशासन रामावतार कुमावत की कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाते हुए ₹10.75 लाख का जुर्माना लगाया है। दूध, घी, पनीर, दही, पापड़ और मूंगफली तेल जैसे रोजमर्रा के खाद्य उत्पादों के सैंपल निम्न गुणवत्ता (Sub-Standard) के पाए गए थे।
घी के दो ब्रांड पाए गए दोषी, एक ही कारोबारी पर लगा 4.75 लाख का जुर्माना
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मैसर्स सुषमा मार्केटिंग (प्लॉट नंबर-2, रानीबाजार) के मंथन ब्रांड घी के सैंपल घटिया गुणवत्ता के पाए जाने पर कारोबारी ऋषिराज जोशी पर ₹4 लाख का जुर्माना।
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धनलक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी से लिए गए श्री भोग ब्रांड घी के अलग-अलग पैकिंग सैंपल भी घटिया पाए गए। इसके लिए उसी कारोबारी पर ₹75,000 का जुर्माना लगाया गया।
पनीर, तेल और दूध पर भी भारी जुर्माने
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अरबन पाटा (लक्ष्मीनाथ फूड्स), सुदर्शना नगर: पनीर का सैंपल सब-स्टैंडर्ड मिलने पर रोहित शर्मा पर ₹3 लाख का जुर्माना।
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न्यू राठौड़ आयरन स्टोर, करणी इंडस्ट्रियल एरिया: डबल फिल्टर मूंगफली तेल घटिया गुणवत्ता का मिलने पर मालिक मंजूर अली पर ₹2 लाख का जुर्माना।
दूध, दही और पापड़ के छोटे कारोबारियों पर भी कसा शिकंजा
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दूध (बीकानेर, वार्ड 1): किशनाराम पर ₹25,000 का जुर्माना।
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दूध (नोखा, जसनाथ दूध भंडार): लेखराम पर ₹25,000 का जुर्माना।
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दही (भैरूनाथ दूध भंडार, ईदगाह बारी): हंसराज सारस्वत पर ₹25,000 का जुर्माना।
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पापड़ (राम वैरायटी स्टोर, तिलक नगर): मघाराम प्रजापत पर ₹25,000 का जुर्माना।
अब तक ₹1.22 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना, नहीं सुधरने वालों पर सख्त चेतावनी
एडीएम रामावतार कुमावत ने बताया कि मार्च 2025 से अब तक 77 खाद्य सैंपल घटिया या गलत ब्रांडिंग के पाए गए हैं। इन मामलों में कुल ₹1.22 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है।
सभी फर्मों को सुनवाई का पूरा मौका दिया गया था। अब इन फर्मों को एक माह में सीएमएचओ कार्यालय के माध्यम से चालान जमा कराना होगा, अन्यथा:
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लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा।
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राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956 के तहत वसूली की कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
सरकार की मंशा – शुद्ध खाद्य सामग्री, प्रशासन की सख्ती जारी
एडीएम ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार जनता को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।