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क्या भारत विरोधी रुख ने गिराई ओली की सरकार? पूर्व PM ने लगाया बड़ा आरोप

editor
editor Published September 11, 2025
Last updated: 2025/09/11 at 9:52 AM
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क्या भारत विरोधी रुख ने गिराई ओली की सरकार? पूर्व पीएम ने लगाया बड़ा आरोप

काठमांडू, 11 सितंबर 2025: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान से सियासी हलचल मचा दी है। ओली का कहना है कि भारत के खिलाफ मुखर रुख अपनाने की वजह से उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी। उन्होंने इसे एक सुनियोजित साजिश बताया है, जिसमें हाल के जेन-जेड प्रदर्शन को भी भारत से जोड़ते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं।

Contents
क्या भारत विरोधी रुख ने गिराई ओली की सरकार? पूर्व पीएम ने लगाया बड़ा आरोपओली का दावा: “राम मंदिर और लिपुलेख पर बोलना पड़ा भारी”लिपुलेख विवाद: नेपाल-भारत के बीच लंबा सीमा विवाद2020 में राम मंदिर को लेकर दिया था विवादित बयानमौजूदा स्थिति: सेना की सुरक्षा में हैं ओलीनिष्कर्ष: क्या ओली का भारत विरोधी रुख उनके पतन का कारण बना?

ओली इन दिनों नेपाल सेना की सुरक्षा में शिवपुरी बैरक में रह रहे हैं। वहां से उन्होंने पार्टी महासचिव को एक पत्र लिखकर अपनी स्थिति और भारत के प्रति नाराजगी को व्यक्त किया है।


ओली का दावा: “राम मंदिर और लिपुलेख पर बोलना पड़ा भारी”

अपने पत्र में ओली ने साफ तौर पर लिखा है कि यदि वह लिपुलेख दर्रा विवाद और अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर भारत को खुलकर चुनौती नहीं देते, तो शायद आज भी प्रधानमंत्री होते। उन्होंने कहा:

“मैंने राम के जन्मस्थान को लेकर ऐतिहासिक सच्चाई रखी, लेकिन उसकी कीमत मुझे सत्ता गंवाकर चुकानी पड़ी।”

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ओली का यह बयान ऐसे समय आया है जब नेपाल में नई सरकार बनने के बाद भी राजनीतिक अस्थिरता का दौर खत्म नहीं हुआ है। ओली का आरोप है कि उन्हें सत्ता से हटाने के पीछे बाहरी शक्तियों का हाथ था — और वह इशारा साफ तौर पर भारत की ओर करते हैं।


लिपुलेख विवाद: नेपाल-भारत के बीच लंबा सीमा विवाद

लिपुलेख दर्रा भारत और नेपाल के बीच वर्षों से विवाद का विषय रहा है।

  • नेपाल का कहना है कि काली नदी का स्रोत लिपियाधुरा है, जिससे कालापानी और लिपुलेख उसकी सीमा में आते हैं।

  • भारत इस दावे को खारिज करते हुए मानता है कि काली नदी का उद्गम उत्तराखंड स्थित कालापानी गांव के पास है, और यह पूरा क्षेत्र भारतीय सीमा में आता है।

ओली ने 2020 में नेपाल के प्रधानमंत्री रहते हुए इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया था और भारत की नीति पर सवाल खड़े किए थे।


2020 में राम मंदिर को लेकर दिया था विवादित बयान

ओली का विवाद भारत के साथ तब और गहरा गया जब उन्होंने भगवान राम के जन्मस्थान को लेकर दावा किया कि

“राम भारत के नहीं, नेपाल के थे, और अयोध्या नेपाल में बीरगंज के पास स्थित है।”

इस बयान के बाद भारत और नेपाल के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध और अधिक बिगड़ गए थे। ओली का अब कहना है कि इस बयान से भारत में नाराजगी फैली, और उसके बाद कूटनीतिक दबाव के चलते उन्हें कुर्सी से हटना पड़ा।


मौजूदा स्थिति: सेना की सुरक्षा में हैं ओली

वर्तमान में केपी शर्मा ओली शिवपुरी बैरक में सेना की सुरक्षा के बीच हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी जान को खतरा है और वह किसी संभावित राजनीतिक हमले या साजिश से खुद को बचाने के लिए वहां रह रहे हैं। उन्होंने नेपाल सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में स्वतंत्र विचार रखने वालों को चुप कराने की कोशिश की जा रही है।


निष्कर्ष: क्या ओली का भारत विरोधी रुख उनके पतन का कारण बना?

ओली के हालिया बयान ने एक बार फिर भारत-नेपाल संबंधों को चर्चा में ला दिया है। जहां ओली इसे साजिश बता रहे हैं, वहीं राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि उनकी राष्ट्रीयता आधारित राजनीति और विवादास्पद बयानों ने उन्हें देश के अंदर भी आलोचना का शिकार बनाया।

हालांकि भारत सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ओली के दावे ने निश्चित रूप से एक नया राजनीतिक विमर्श खड़ा कर दिया है।


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editor September 11, 2025
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