नेपाल हिंसा के बीच जेल से भागे 30 कैदी भारत में गिरफ्तार, आंध्र सरकार ने 200 से ज्यादा तेलुगु नागरिकों को निकाला सुरक्षित
नई दिल्ली/काठमांडू, 11 सितंबर 2025:
नेपाल में हाल ही में भड़की हिंसा के बीच जेल से फरार 30 कैदियों को भारत में प्रवेश की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया है। भारत की सीमाओं पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (SSB) की सतर्कता के चलते ये कैदी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में पकड़े गए। वहीं दूसरी ओर, नेपाल में फंसे 200 से अधिक तेलुगु नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान भी तेज़ी से चल रहा है।
नेपाल से भागे कैदियों की धरपकड़
नेपाल में उग्र प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के दौरान कई जेलों में भगदड़ मच गई, जिसका फायदा उठाकर कई बंदी फरार हो गए। भारत-नेपाल सीमा के नजदीक 30 फरार कैदी भारतीय सीमा में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे, तभी उन्हें SSB ने गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी का विवरण:
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उत्तर प्रदेश: 17 कैदी
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ज़िले: लखीमपुर, बहराइच और बलरामपुर
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बिहार और पश्चिम बंगाल: 13 कैदी
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विशेष तलाशी और गश्त अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई
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इस ऑपरेशन में सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, और नेपाल की ओर से मिली खुफिया जानकारी के बाद बॉर्डर सील कर गहन निगरानी शुरू कर दी गई थी।
नेपाल में फंसे भारतीयों को लाने का काम तेज
नेपाल में जारी उथल-पुथल के बीच आंध्र प्रदेश के सैकड़ों नागरिक फंसे हुए थे। स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार, भारतीय दूतावास और नेपाल प्रशासन के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
अब तक की स्थिति:
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217 तेलुगु नागरिकों का पता चला
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173 काठमांडू में
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22 हेटौडा में
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10 पोखरा में
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12 सिमिकोट (नेपाल-चीन सीमा के पास)
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133 नागरिकों को एयरपोर्ट पहुंचाया गया
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43 अन्य नागरिकों को जल्द पहुंचाया जाएगा
चार्टर फ्लाइट्स और विशेष काफिले की व्यवस्था
राज्य मंत्री नारा लोकेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर जानकारी दी कि
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काठमांडू से नई दिल्ली के लिए एक विशेष उड़ान की योजना बनाई गई है
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पोखरा से चार्टर फ्लाइट के माध्यम से 10 अन्य तेलुगु नागरिकों को काठमांडू लाया जा रहा है
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रेस्क्यू के लिए काफिले की सुरक्षा में एयरपोर्ट तक पहुंचाया जा रहा है
इस प्रयास में इंडिगो की व्यावसायिक उड़ानों के माध्यम से लोगों को भारत लाया जा रहा है।
भारतीय सुरक्षाबलों और प्रशासन की तत्परता
सशस्त्र सीमा बल और अन्य एजेंसियों की तेज कार्रवाई और सतर्कता से न केवल कैदियों को फिर से हिरासत में लिया गया, बल्कि भारत की सुरक्षा पर किसी प्रकार का आंच नहीं आने दिया गया। वहीं आंध्र प्रदेश सरकार के प्रयासों से सैकड़ों परिवारों को राहत मिली है।