बीकानेर: कीचड़ से भरी सड़क से निकली दलित महिला की अंतिम यात्रा, नाराज नागरिकों ने दिया 20 दिन का अल्टीमेटम
बीकानेर। नापासर कस्बे में दलित समाज की एक बुजुर्ग महिला की अंतिम यात्रा कीचड़ से भरी सड़क से होकर निकलने की घटना ने स्थानीय नागरिकों का आक्रोश भड़का दिया है। इस घटना ने न केवल मानवीय संवेदनाओं को झकझोरा बल्कि नगरपालिका प्रशासन की अनदेखी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
देशनोक बाईपास रोड की दुर्दशा बनी अंतिम यात्रा की बाधा
हनुमान धोरा क्षेत्र के देशनोक बाईपास रोड पर भारी जलभराव और वार्ड नंबर 1 से 5 तक की बदहाल सीवरेज व्यवस्था के चलते दलित महिला की अंतिम यात्रा कीचड़ से होकर गुजरी। यह दृश्य सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में चर्चा का विषय बना, जिसके बाद बीकानेर के दलित संगठनों और स्थानीय निवासियों ने विरोध दर्ज कराया।
नगरपालिका को सौंपा ज्ञापन, 20 दिन का दिया समय
सोमवार को वार्डवासियों ने नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी (EO) अलका बुरड़क को ज्ञापन सौंपते हुए जलभराव, सीवर लाइन और मोक्षधाम तक पहुँच मार्ग की बदहाली पर नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शन कर रहे नागरिकों ने जब सवाल किया कि दलित बस्ती के साथ सौतेला व्यवहार क्यों हो रहा है, तो अधिशाषी अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं।
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EO ने आश्वासन दिया कि 20 दिनों के भीतर समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा। इस पर स्थानीय निवासियों ने दो टूक कहा कि अगर तय समय में समाधान नहीं हुआ, तो वे जन आंदोलन शुरू करेंगे।
ज्ञापन सौंपने वालों में शामिल रहे समाज के प्रतिनिधि
इस विरोध में समाज के कई प्रतिनिधि और नागरिक शामिल हुए, जिनमें पार्षद प्रतिनिधि खेतरपाल शर्मा, पार्षद शौकत अली, पार्षद प्रतिनिधि कालूनाथ, पूनम चांद बारूपाल, नेनूराम, विनोद, राजकुमार, बाबूलाल, मनोज, राधेश्याम, ओमप्रकाश प्रजापत सहित बड़ी संख्या में मोहल्लेवासी शामिल थे।