उपराष्ट्रपति चुनाव का महासंग्राम: राधाकृष्णन बनाम रेड्डी, NDA बनाम INDIA की वैचारिक जंग
नई दिल्ली, 8 सितंबर 2025 – भारत के अगले उपराष्ट्रपति का फैसला 9 सितंबर को होगा। चुनावी मैदान में सत्तारूढ़ एनडीए की ओर से महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी INDIA गठबंधन की ओर से पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने हैं। यह मुकाबला सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि वैचारिक रूप से भी बेहद अहम माना जा रहा है।
चुनाव प्रक्रिया और मतदाताओं की स्थिति
उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी 786 सदस्य (543 लोकसभा, 245 राज्यसभा, जिनमें कुछ रिक्त स्थान भी शामिल हैं) मतदान करेंगे। वोटिंग 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी और शाम 6 बजे से मतगणना शुरू होगी।
जीत के लिए जरूरी वोट: 394
NDA के पास अनुमानित वोट: 422
INDIA गठबंधन के पास अनुमानित वोट: 300
क्यों जरूरी हुआ चुनाव?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। संविधान के अनुच्छेद 68(2) के तहत रिक्त पद को 6 महीने के भीतर भरना अनिवार्य होता है। इसी के तहत चुनाव आयोग ने 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान की घोषणा की थी।
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नंबर गेम में NDA का पलड़ा भारी
NDA को लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 129 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। यानि कुल 422 वोट उनके पक्ष में हैं, जबकि जीत के लिए जरूरी आंकड़ा 394 है।
मुख्य NDA समर्थक दल:
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BJP – 240
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TDP – 16
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JD(U) – 12
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शिवसेना (शिंदे) – 7
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अन्य – 147
INDIA गठबंधन की स्थिति:
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कांग्रेस – 99
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SP – 37
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TMC – 22
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DMK – 22
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RJD, AAP, वामपंथी दल – शेष 120
संभावित तटस्थ दल:
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YSRCP – 11
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BJD – 7
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BRS – 9
क्रॉस वोटिंग की संभावना: 18 सांसदों का रुख अनिश्चित
NDA का चेहरा: सीपी राधाकृष्णन
68 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से आते हैं और बीजेपी के अनुभवी नेता हैं। वह दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और हाल ही में महाराष्ट्र के राज्यपाल पद पर कार्यरत हैं।
राजनीतिक प्रोफाइल:
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1998 और 1999 में कोयंबटूर से सांसद
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तमिलनाडु BJP के प्रदेश अध्यक्ष
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2023-24 में झारखंड और फिर महाराष्ट्र के राज्यपाल
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RSS से करीबी जुड़ाव
भाजपा की रणनीति: दक्षिण भारत में विस्तार, “मिशन साउथ” के तहत उनकी उम्मीदवारी
INDIA ब्लॉक का उम्मीदवार: बी. सुदर्शन रेड्डी
पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश के रंगारेड्डी जिले से हैं। 2011 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए।
मुख्य उपलब्धियां:
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सलवा जुडुम को असंवैधानिक घोषित करने वाला फैसला
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काले धन के मामलों में स्वतंत्र जांच की मांग
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गोवा के पहले लोकायुक्त
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विपक्ष द्वारा उन्हें संविधान और न्याय का रक्षक बताया गया है
राजनीतिक संदेश: रेड्डी की उम्मीदवारी के ज़रिए TDP, YSRCP और BRS पर दबाव बढ़ाने की रणनीति
चुनाव का महत्व और संभावित नतीजे
यह चुनाव संविधान बनाम वैचारिक ध्रुवीकरण की लड़ाई बन गया है। हालांकि NDA के आंकड़े मजबूत हैं और सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष इसे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई बता रहा है।
संभावित असर:
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दक्षिण भारत में भाजपा के लिए राजनीतिक बढ़त
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आगामी 2026 राज्य चुनावों की रणनीति की नींव
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विपक्ष की एकजुटता की अग्नि परीक्षा