राजस्थान विधानसभा: तीन दिन, चार बड़े विधेयक – सियासत से लेकर समाज तक असर
जयपुर, 8 सितंबर 2025:
राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम चरण में सोमवार से शुरू होने वाली कार्यवाही खास रहने वाली है। आगामी तीन दिनों में राज्य सरकार चार महत्वपूर्ण विधेयकों को सदन में पेश करेगी, जो न सिर्फ कानूनी दृष्टि से अहम हैं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव भी डाल सकते हैं। ये विधेयक राज्य की प्रशासनिक, जल-संसाधन, चिकित्सा शिक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े विषयों को प्रभावित करेंगे।
विधायी एजेंडा: कौन-सा विधेयक कब आएगा?
दिनांक | विधेयक |
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8 सितंबर | मत्स्य-क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2025 आयुर्विज्ञान संस्थान जयपुर विधेयक 2025 |
9 सितंबर | विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 |
10 सितंबर | राजस्थान भू-जल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक 2024 |
1. विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025
जबरन धर्मांतरण पर सख्त कानून, उम्रकैद तक का प्रावधान
राज्य सरकार इस विधेयक को “जनहित में ऐतिहासिक” बता रही है। इसका उद्देश्य जबरन या छलपूर्वक धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर रोक लगाना है। यह विधेयक सीधा धार्मिक स्वतंत्रता, सामाजिक संरचना और सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, इसलिए विपक्ष का तीखा विरोध भी तय माना जा रहा है।
प्रमुख प्रावधान:
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अपराध की श्रेणी: संज्ञेय व गैर-जमानती
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सजा:
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सामान्य अपराध – 7 से 14 साल की कैद व 5 लाख तक जुर्माना
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यदि पीड़ित नाबालिग, महिला या SC/ST वर्ग से है – 10 से 20 साल की कैद व 10 लाख तक जुर्माना
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सामूहिक धर्मांतरण – उम्रकैद और 25 लाख तक जुर्माना
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सूचना अनिवार्यता:
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धर्म परिवर्तन से 90 दिन पहले ज़िला मजिस्ट्रेट को सूचना
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धर्माचार्य को 60 दिन पहले पूर्व सूचना देनी होगी
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मुआवजा: पीड़ित को 10 लाख रुपये तक क्षतिपूर्ति
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संस्थागत प्रावधान:
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गैर-कानूनी धर्मांतरण करने वाले NGO का पंजीकरण रद्द
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1 करोड़ तक जुर्माना
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लव जिहाद संबंधी प्रावधान: विवाह निरस्त और संपत्ति जब्ती के प्रावधान
2. राजस्थान भू-जल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक 2024
जल संकट पर नियंत्रण और दोहन पर निगरानी के लिए मजबूत कानूनी ढांचा
राजस्थान में जल संकट गंभीर रूप ले चुका है। इस विधेयक के माध्यम से सरकार भू-जल की रक्षा, पारदर्शी प्रबंधन और अनियंत्रित दोहन पर रोक की दिशा में पहल कर रही है।
प्रमुख प्रावधान:
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राज्य स्तरीय भू-जल प्राधिकरण का गठन
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हर जिले में समिति जो स्थानीय भू-जल योजना बनाएगी
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तीन वर्षों में योजना की समीक्षा अनिवार्य
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भू-जल उपयोग के लिए पूर्व अनुमति जरूरी
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जल दोहन पर सख्त दंड:
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पहली बार – ₹50,000 तक जुर्माना
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दोबारा – 5 गुना जुर्माना
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गंभीर उल्लंघन – 6 माह की कैद व ₹1 लाख तक जुर्माना
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जल माप उपकरण लगाने होंगे अनिवार्य
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बिना अनुमति बोरवेल या अन्य संरचनाएं बनाने पर कार्रवाई
3. मत्स्य-क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2025
अवैध मछली शिकार पर भारी जुर्माना, जल जीवन की सुरक्षा की दिशा में कदम
जल संसाधनों की रक्षा और जल-जीव संरक्षण के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है।
संशोधित दंड प्रावधान:
अपराध | पहले | अब |
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पहली बार अपराध | ₹500 | ₹25,000 |
पुनः अपराध | ₹1,000 | ₹50,000 |
कंपाउंडिंग | ₹100 | ₹25,000 |
4. आयुर्विज्ञान संस्थान जयपुर विधेयक 2025
जयपुर में राष्ट्रीय स्तर का मेडिकल संस्थान ‘रिम्स’ का गठन
राज्य सरकार राजधानी जयपुर में राष्ट्रीय आयामों वाला चिकित्सा संस्थान स्थापित करने की दिशा में यह विधेयक ला रही है।
प्रमुख विशेषताएं:
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रिम्स जयपुर एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित होगा
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शासी परिषद में उच्च स्तरीय सदस्य, जैसे मुख्य सचिव, वित्त सचिव, RUHS कुलपति और प्रतिष्ठित संस्थानों (AIIMS, IIM, IIT, TMC आदि) के प्रतिनिधि
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शैक्षणिक अधिकार: MBBS, PG, सुपरस्पेशलिटी डिग्री, डिप्लोमा
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प्रशासन: निदेशक और वित्त अधिकारी की नियुक्ति हेतु चयन समितियां
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विलय: RUHS मेडिकल कॉलेज व उससे जुड़े अस्पताल रिम्स के अधीन
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वित्तीय स्वतंत्रता: पृथक निधि और राज्य अनुदान, वार्षिक बजट विधानसभा में प्रस्तुत
निष्कर्ष:
राजस्थान विधानसभा का यह तीन दिवसीय सत्र विधायी रूप से अत्यधिक सक्रिय रहने वाला है। धर्मांतरण और भू-जल जैसे संवेदनशील विषयों पर गर्मागर्म बहस के आसार हैं। साथ ही, चिकित्सा और पर्यावरण से जुड़े विधेयकों से सरकार अपनी नीतिगत प्रतिबद्धता को मजबूत करने की कोशिश करेगी। विपक्ष इन विधेयकों के राजनीतिक और सामाजिक प्रभावों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है।