बस स्टैंड पर युवक से मारपीट, जातिसूचक गालियां देकर किया अपमानित, कमरे में बंद करने का भी आरोप
बीकानेर/नोखा।
जिले के कुचौर आथूणी गांव में जातिसूचक गालियां देकर मारपीट और जबरन कमरे में बंद करने का मामला सामने आया है। पीड़ित गौतम पुत्र बिशनाराम नायक ने जसरासर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बताया कि 5 सितंबर को गांव के बस स्टैंड पर कुछ लोगों ने उसे जातिगत आधार पर अपमानित किया और फिर मारपीट कर एक कमरे में बंद कर दिया।
नामजद आरोपियों पर गंभीर आरोप
गौतम ने अपनी शिकायत में जिन सात लोगों के नाम लिए हैं, वे सभी उसी गांव कुचौर आथूणी के निवासी हैं। रिपोर्ट में नामजद आरोपी हैं — श्रवणराम, मनफूलराम, सुखराम, श्रवण, रामस्वरूप, ओमप्रकाश और चैनाराम।
पीड़ित के अनुसार, ये सभी लोग पहले से ही किसी बात को लेकर रंजिश रखते थे। घटना के दिन जब वह अपने दोस्तों के साथ गांव के बस स्टैंड पर बैठा था, तभी सभी आरोपी वहां आए और बिना किसी उकसावे के जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मारपीट शुरू कर दी।
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कमरे में बंद कर किया अपमानित
गौतम का आरोप है कि मारपीट के बाद उसे जबरन एक कमरे में बंद कर दिया गया, जहां पर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। पीड़ित ने बताया कि उसने किसी तरह वहां से निकलकर अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी और फिर थाने जाकर लिखित शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच सीओ नोखा को सौंपी
जसरासर पुलिस ने गौतम की शिकायत पर सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ SC/ST एक्ट, मारपीट, अपहरण और अभद्र व्यवहार से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच अधिकारी नोखा के सीओ हिमांशु शर्मा को नियुक्त किया गया है। पुलिस का कहना है कि सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच की जा रही है और पीड़ित के बयान के आधार पर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
पीड़ित पक्ष की मांग— जल्द हो गिरफ्तारी
पीड़ित गौतम और उसके परिवार ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाए और घटना को जातिगत अपराध मानते हुए सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज में भेदभाव और भय का माहौल पैदा करती हैं, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।