राजस्थान पुलिस विभाग में बड़ा प्रशासनिक बदलाव, सब इंस्पेक्टरों को नहीं सौंपी जाएगी थानों की कमान
राजस्थान पुलिस महकमे से जुड़ी एक अहम और दूरगामी प्रभाव डालने वाली खबर सामने आई है। पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट आदेश जारी कर दिया है कि अब प्रदेश में किसी भी सब इंस्पेक्टर (एसआई) को थाने का प्रभारी यानी एसएचओ नहीं बनाया जाएगा। साथ ही, जो सब इंस्पेक्टर हाल ही में पदोन्नत होकर पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) बनेंगे, उन्हें पहले दो वर्षों तक नॉन फील्ड पोस्टिंग पर ही रखा जाएगा।
थानों में एसआई के बजाय निरीक्षक होंगे तैनात
पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब सभी थानों की कमान केवल पुलिस निरीक्षकों को ही सौंपी जाएगी।
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वर्तमान में राज्यभर के 473 थानों में सब इंस्पेक्टर एसएचओ के तौर पर तैनात हैं।
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जबकि पुलिस लाइनों में 131 पुलिस निरीक्षक मौजूद हैं, जिनमें से 98 पूरी तरह से योग्य हैं और किसी भी थाने की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
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33 पुलिस निरीक्षक विभिन्न विभागीय मामलों में आरोपी होने के कारण अयोग्य माने गए हैं।
पुलिस मुख्यालय के इस कदम से साफ है कि विभाग अब अनुभवी और उच्च पदस्थ अधिकारियों को फील्ड में लाकर कानून-व्यवस्था को अधिक मजबूत बनाना चाहता है।
बीकानेर के कई थानों में बदले जा सकते हैं थानाधिकारी
बीकानेर जिले में भी कई ऐसे थाने हैं जहां वर्तमान में सब इंस्पेक्टर प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। इनमें शामिल हैं:
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दंतौर
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पूगल
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कालू
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महाजन
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देशनोक
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गजनेर
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नया शहर
इन सभी थानों पर तैनात एसआई की जल्द ही बदली हो सकती है और इनकी जगह पुलिस निरीक्षक की तैनाती की जाएगी।
पदोन्नति के बाद दो साल तक फील्ड से दूर रहेंगे नव-निरीक्षक
हाल ही में प्रदेशभर के सैकड़ों सब इंस्पेक्टरों ने पुलिस निरीक्षक पद की विभागीय परीक्षा पास की है।
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परीक्षा परिणाम जारी हो चुका है और जल्द ही बड़ी संख्या में एसआई, निरीक्षक पद पर पदोन्नत होंगे।
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हालांकि, इन नवपदस्थ निरीक्षकों को तुरंत फील्ड में नहीं भेजा जाएगा।
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उन्हें कम से कम दो वर्ष तक नॉन फील्ड पोस्टिंग पर रखा जाएगा, जैसे कि पुलिस मुख्यालय, प्रशिक्षण संस्थान या अन्य विभागीय दफ्तर।
इस नीति के पीछे उद्देश्य यह है कि नवपदोन्नत अधिकारी पहले प्रशासनिक कार्यों में अनुभव प्राप्त करें और फिर फील्ड की जिम्मेदारी संभालें।
पुलिसिंग में पेशेवर बदलाव की तैयारी
यह निर्णय पुलिसिंग को अधिक पेशेवर, जवाबदेह और अनुशासित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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थानों में अब अनुभवी निरीक्षक तैनात होने से प्रशासनिक निर्णयों की गुणवत्ता और कानून व्यवस्था में सुधार की उम्मीद है।
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वहीं, सब इंस्पेक्टरों को भी थाने की जिम्मेदारी न मिलने से उन्हें अपने कार्य क्षेत्र में अधिक विशेषज्ञता विकसित करने का अवसर मिलेगा।