बीकानेर में सीवरेज कार्य बना मुसीबत, मुरलीधर व्यास कॉलोनी में लोगों का जीना दुश्वार
बीकानेर।
शहर के विभिन्न इलाकों में चल रहे सीवरेज और पेयजल पाइप लाइन बिछाने के कार्य में ठेकेदारों की लापरवाही और घटिया कामकाज अब आम जनता के लिए गंभीर समस्या बन चुका है। मुरलीधर व्यास कॉलोनी इसका ताजा उदाहरण बनकर सामने आया है, जहां अधूरे और अनियोजित कार्यों ने स्थानीय निवासियों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है।
एफ-600 गली में हालात बेहाल, सड़क बनी गंदे पानी का तालाब
मुरलीधर व्यास कॉलोनी स्थित लिटिल चिल्ड्रन स्कूल के सामने एफ-600 नंबर गली में कुछ समय पहले नई पानी पाइपलाइन बिछाने का काम किया गया था।
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इस दौरान ठेकेदार की टीम ने गली के सीवरेज चैंबर और नालियों को जगह-जगह से तोड़ डाला, लेकिन उन्हें फिर से ठीक करने की जहमत नहीं उठाई।
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परिणामस्वरूप, गंदा सीवरेज पानी सड़कों पर बहने लगा, जिससे गली में बदबू और मच्छरों का आतंक बढ़ गया है।
बरसात में डेंगू-मलेरिया का खतरा बढ़ा
स्थानीय लोग आशंकित हैं कि
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बरसाती मौसम में यह गंदा पानी मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बन जाएगा, जिससे डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
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बदबू और गंदगी के कारण बुजुर्गों और बच्चों को अधिक परेशानी हो रही है।
नए कनेक्शन अधूरे, पुरानी व्यवस्था टूटी
निवासियों का कहना है कि
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पुरानी पाइप लाइन से जो घरों के कनेक्शन जुड़े थे, उन्हें काम के दौरान काट दिया गया, लेकिन
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नई पाइपलाइन से कनेक्शन नहीं जोड़े गए और ठेकेदार की टीम अधूरा काम छोड़कर निकल गई।
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मजबूरी में लोगों ने अपने खर्चे पर कनेक्शन जुड़वाए, लेकिन सीवरेज और नालियों की समस्या जस की तस बनी हुई है।
ठेकेदार की लापरवाही पर नहीं हो रही कोई सुनवाई
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि
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समस्या को लेकर संबंधित ठेकेदार को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन
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ना तो कोई सुधार कार्य हुआ और ना ही शिकायत पर ध्यान दिया गया।
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ठेकेदार की यह “एक काम सुधारो, दो बिगाड़ो” वाली कार्यशैली अब लोगों की सेहत और सुरक्षा दोनों के लिए खतरा बन चुकी है।
निवासियों की प्रशासन से मांग – सख्त कार्रवाई हो
गली में रहने वाले किशोर कुमार, अमित कुमार, शंकर व्यास, रघुवीर मोदी, कांत बोहरा और शंभु सहित दर्जनों लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की है कि
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घटिया और लापरवाह कार्य करने वाले ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
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ऐसे मामलों में जिम्मेदार लोगों को ब्लैकलिस्ट कर भविष्य में ठेका न देने का प्रावधान हो।