हैदराबाद:
तेलंगाना में एक गुप्त ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने 12,000 करोड़ रुपये की कीमत का कच्चा एमडी (मेथाम्फेटामाइन) जब्त किया है। इस ऑपरेशन में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो एक संगठित अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क का हिस्सा बताए जा रहे हैं।
एक छोटी बरामदगी से खुला बड़ा रैकेट
इस केस की शुरुआत मिरा-भायंदर पुलिस द्वारा 200 ग्राम एमडी ड्रग्स की जब्ती से हुई थी, जिसकी बाजार कीमत लगभग 25 लाख रुपये आंकी गई थी। शुरुआती जांच के बाद जब पुलिस ने मामले की तह तक जाने का निर्णय लिया, तब सामने आया कि यह मात्र एक झलक थी — असली खेल इससे कहीं बड़ा था। जांच ने अधिकारियों को एक ऐसे ड्रग निर्माण प्लांट तक पहुंचाया, जो अत्याधुनिक उपकरणों से लैस था और बड़ी मात्रा में मादक पदार्थों का उत्पादन कर रहा था।
32,000 लीटर कच्चे ड्रग्स की जब्ती
पुलिस ने छापेमारी के दौरान लगभग 32,000 लीटर कच्चा एमडी ड्रग बरामद किया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत ₹12,000 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। इसके अतिरिक्त, फैक्ट्री से कई रासायनिक घटक, प्रयोगशालाओं में प्रयोग होने वाले उपकरण, और पैकेजिंग सामग्री भी जब्त की गई है।
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13 आरोपी हिरासत में, अंतरराष्ट्रीय लिंक की जांच जारी
अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कुछ के विदेशों में स्थित नेटवर्क से जुड़ाव की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस की मानें तो यह गिरोह वर्षों से इस अवैध कारोबार में सक्रिय था और देश के कई राज्यों सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स की आपूर्ति कर रहा था।
पिछली कार्रवाइयों से बड़ा ऑपरेशन
इससे पहले, मिरा-भायंदर पुलिस ने 22 करोड़ रुपये मूल्य की 15 किलोग्राम कोकेन बरामद कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। लेकिन तेलंगाना में की गई यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी और संगठित ड्रग्स विरोधी कार्रवाई मानी जा रही है।
रसायनों की जांच और आगे की कार्रवाई जारी
जब्त किए गए ड्रग्स और रासायनिक पदार्थों की फॉरेंसिक जांच जारी है। पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों, आपूर्ति चैनल, और संभावित वित्तीय लेन-देन की पड़ताल कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह ऑपरेशन मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
निष्कर्ष
तेलंगाना में हुई यह ऐतिहासिक कार्रवाई न सिर्फ देश के भीतर मादक पदार्थों के बढ़ते जाल को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे एक छोटी बरामदगी बड़े आपराधिक नेटवर्क को बेनकाब कर सकती है। पुलिस की सतर्कता और समन्वित प्रयासों से देश को एक बड़े खतरे से बचाया गया है, और आगे की जांच से और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।