विदेशी नौकरी का झांसा देकर तीन लाख की ठगी, रिश्तेदार ने अजरबैजान और आर्मेनिया वीजा दिखाकर बनाया शिकार
बीकानेर, श्रीडूंगरगढ़।
विदेश में अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर तीन लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि यह धोखाधड़ी कथित रूप से एक रिश्तेदार द्वारा की गई, जिसने पीड़ित के भरोसे को ही भुनाया।
बिग्गा बास निवासी चमन अली ने सुजानगढ़ निवासी अपने रिश्तेदार नफीस के खिलाफ श्रीडूंगरगढ़ थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। चमन अली का आरोप है कि नफीस ने विदेश में अच्छी नौकरी दिलाने के बहाने उसे और उसके भाई को झूठे सपने दिखाकर लाखों की रकम हड़प ली।
धोखे की शुरुआत: विदेश में “बड़ी डिमांड” का झांसा
प्रार्थी के अनुसार, दिसंबर 2024 में आरोपी नफीस उसके घर आया और दावा किया कि उसके पास विदेश में नौकरी की बड़ी डिमांड है। चूंकि रिश्तेदारी थी, चमन अली ने उस पर भरोसा कर लिया।
नफीस ने दावा किया कि वह चमन और उसके भाई को विदेश भेजेगा, और शुरुआती खर्च के रूप में 25 हजार रुपये नकद लिए। इसके बाद फोन पे के माध्यम से करीब 1.25 लाख रुपये और लिए गए।
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फर्जी वीजा और जालसाजी का खुलासा
आरोपी ने चमन अली को अजरबैजान का फर्जी वीजा दिखाकर और भी पैसे ऐंठे। इसके बाद 50 हजार रुपये और वसूले गए। जब बात आगे बढ़ी नहीं, तो अप्रैल 2025 में नफीस ने नया झांसा दिया कि अब असली अर्मेनिया का वीजा मंगवाया गया है।
11 अप्रैल को आरोपी फिर से पीड़ित के घर आया और बताया कि 12 अप्रैल को दिल्ली से फ्लाइट है, जिसके लिए 80 हजार रुपये और चाहिए। चमन ने यह रकम भी दे दी, जिससे कुल ठगी की राशि 3 लाख रुपये हो गई।
विदेश भेजा, लेकिन नौकरी निकली धोखा
चमन का भाई जब अर्मेनिया पहुंचा तो वहां की वास्तविकता चौंकाने वाली थी। जिस बड़ी कंपनी और स्टोर कीपर की नौकरी की बात कही गई थी, उसकी जगह उसे 10-15 अन्य मजदूरों के साथ एक ठेकेदार के पास काम करना पड़ा।
रहने, खाने और काम की कोई सुविधा नहीं थी। जब परेशान होकर जुलाई में पीड़ित ने नफीस को फोन किया, तो उसने गाली गलौज कर दी और कहा, “मुझे तो पैसे हड़पने थे, जो मैंने कर लिए।”
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की
श्रीडूंगरगढ़ पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। मामले की तथ्यात्मक जांच शुरू हो चुकी है और पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी अकेले था या इसके पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है।