बीकानेर/नापासर।
राजस्थान के नापासर कस्बे में एक सिम विक्रेता द्वारा सिम कार्ड जारी करने में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। मामला पुलिस तक पहुंचने के बाद आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है। यह घटना अगस्त 2024 से फरवरी 2025 के बीच की बताई जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
नापासर पुलिस थाने में तैनात कांस्टेबल विजयपाल ने सिम विक्रेता सुनील मेघवाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपी नापासर कस्बे में सिम बेचने का कार्य करता है और ग्राहकों के साथ गंभीर अनियमितताएं कर रहा था।
बिना KYC दो-दो सिम जारी करने का आरोप
कांस्टेबल विजयपाल के अनुसार, आरोपी सुनील मेघवाल
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ग्राहकों को बिना पूरी केवाईसी प्रक्रिया के सिम कार्ड जारी करता था।
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जब ग्राहक की पहली सिम काम नहीं करती थी, तो वह उसी ग्राहक के नाम से दूसरी सिम फिर से जारी कर देता था, वह भी बिना किसी वैध प्रक्रिया के।
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कई मामलों में एक ही पहचान पर दो सिम जारी कर दिए जाते थे, जिससे टेलीकॉम सुरक्षा नियमों का उल्लंघन हुआ।
साइबर सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा
बिना केवाईसी के सिम जारी करना न केवल टेलीकॉम नियमों के खिलाफ है, बल्कि यह साइबर अपराध और सुरक्षा उल्लंघन की दृष्टि से भी अत्यंत गंभीर मामला बनता है।
इस तरह की सिम का इस्तेमाल
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फर्जी कॉल्स,
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ऑनलाइन फ्रॉड,
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और आपराधिक गतिविधियों में आसानी से किया जा सकता है।
पुलिस ने दर्ज किया केस, शुरू हुई जांच
पुलिस ने प्रार्थी की रिपोर्ट के आधार पर
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आरोपी के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
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मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितने फर्जी सिम जारी किए गए हैं।
नियमों का उल्लंघन करने वाले सिम विक्रेताओं पर सख्ती जरूरी
यह घटना एक बार फिर इस बात पर जोर देती है कि
“सिम कार्ड विक्रेताओं की निगरानी और केवाईसी प्रक्रिया की जांच बेहद जरूरी है।”
टेलीकॉम विभाग को ऐसे मामलों में
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लाइसेंस रद्द,
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भारी जुर्माना,
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और कानूनी कार्रवाई जैसे कड़े कदम उठाने चाहिए।