सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: कक्षा 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षक TET पास नहीं करेंगे तो नहीं पढ़ा सकेंगे
नई दिल्ली।
देशभर के लाखों स्कूली शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा और कड़ा आदेश सामने आया है। अब कक्षा 1 से 8 तक पढ़ा रहे सरकारी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से टीईटी (TET – Teacher Eligibility Test) पास करना होगा। अगर वे ऐसा करने में असफल रहते हैं, तो उन्हें या तो नौकरी छोड़नी होगी, रिटायरमेंट लेनी होगी या पदोन्नति से वंचित रहना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश उन शिक्षकों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जारी किया, जो लंबे समय से इस शर्त के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है:
“सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि शिक्षकों की योग्यता प्रमाणित हो। यदि कोई शिक्षक TET पास नहीं करता है, तो उसे पढ़ाने का अधिकार नहीं दिया जा सकता।”
- Advertisement -
यह आदेश देश के 7 लाख 92 हजार से अधिक उन शिक्षकों को सीधा प्रभावित करता है, जो प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 8) तक पढ़ा रहे हैं।
क्यों जरूरी हो गया है TET पास करना?
-
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अब शिक्षक की योग्यता प्रमाणित होना अनिवार्य है।
-
सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि अगर कोई शिक्षक योग्यता परीक्षा पास नहीं करता, तो वह “शिक्षण योग्य” नहीं माना जा सकता।
-
अदालत ने यह भी कहा कि सरकारें अब बिना TET पास किए किसी भी शिक्षक को प्रमोशन या नियुक्ति नहीं देंगी।
टीईटी परीक्षा क्या है?
टीईटी (Teacher Eligibility Test) एक नेशनल-लेवल की पात्रता परीक्षा है, जो यह तय करती है कि कोई व्यक्ति प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर पर शिक्षक बनने योग्य है या नहीं।
-
परीक्षा के दो स्तर होते हैं:
-
Level 1: कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाने के लिए
-
Level 2: कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाने के लिए
-
2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को राहत?
इस आदेश में एक महत्वपूर्ण अपवाद भी है।
मद्रास हाईकोर्ट के जून 2025 के फैसले में कहा गया था कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति 29 जुलाई 2011 से पहले हुई है, उन्हें केवल प्रमोशन के लिए TET पास करना जरूरी है — पढ़ाने के लिए नहीं।
लेकिन इसके बावजूद भी बड़ी संख्या में शिक्षक TET परीक्षा से बचने के लिए विभिन्न कानूनी रास्ते तलाश रहे थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अवसर तभी मिलेगा, जब पात्रता होगी।
शिक्षकों पर क्या असर पड़ेगा?
-
नौकरी बचानी है तो TET पास करना अनिवार्य होगा।
-
प्रमोशन, वेतनवृद्धि या स्थायी नियुक्ति की शर्तें अब TET से जुड़ी होंगी।
-
प्रदेशों के शिक्षा विभागों को अपने-अपने स्तर पर अब शिक्षकों की पात्रता की पुनर्समीक्षा करनी होगी।